
नई दिल्ली: बांग्लादेश (Bangladesh) की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस (mohammed yunus) ने देश में अगले राष्ट्रीय चुनाव की घोषणा (announcement of national elections) कर दी है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि देश का अगला राष्ट्रीय चुनाव अप्रैल 2026 के पहले पखवाड़े (1 से 15 अप्रैल के बीच) में होगा. ईद-उल-अजहा की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम प्रसारित अपने संबोधन में यूनुस ने कहा कि चुनाव आयोग जल्द ही एक विस्तृत रोडमैप जारी करेगा. उन्होंने कहा, ‘अंतरिम सरकार ने तीन मुख्य उद्देश्यों के साथ पदभार संभाला था: सुधार, न्याय और चुनाव.’
मुहम्मद युनूस ने कहा कि सरकार ने सभी राजनीतिक दलों से परामर्श किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आगामी चुनाव ‘देश के इतिहास में सबसे स्वतंत्र, निष्पक्ष, प्रतिस्पर्धी और स्वीकार्य’ हो. उन्होंने जोर देकर कहा कि लक्ष्य एक ऐसी प्रक्रिया बनाना है जो शहीदों की आत्माओं को संतुष्ट करे और राष्ट्र द्वारा अपनी ईमानदारी और निष्पक्षता के लिए याद किया जाए. उनकी इस घोषणा से चुनाव के समय को लेकर महीनों से चल रही अटकलों और राजनीतिक खींचतान का अंत हो गया है. मुहम्मद यूनुस ने पहले सुझाव दिया था कि सुधारों की गति के आधार पर दिसंबर 2025 और जून 2026 के बीच कभी भी चुनाव हो सकते हैं.
खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और उसके सहयोगी दलों ने दिसंबर 2025 तक चुनाव कराने पर जोर दे रहे थे, जबकि नवगठित नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) ने सुधारों के पूरा होने के बाद ही चुनाव कराने की मांग की थी. हालांकि, मुहम्मद यूनुस ने कहा कि उनका ध्यान चुनावों से पहले सुधारों को क्रमबद्ध करने पर है. उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘आने वाले महीने न्याय और सुधार के ढांचे को अंतिम रूप देने के लिए महत्वपूर्ण होंगे, जिन पर व्यापक राजनीतिक सहमति बन सके.’ इसके लिए बांग्लादेश में रिफॉर्म कमीशन का गठन हो चुका है. डॉक्टर यूनुस ने कहा कि एक स्थायी सरकार और बांग्लादेश को राजनीतिक स्थिरता देने के लिए चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी.
साल 2024 में बांग्लादेश राजनीतिक उथल-पुथल में डूब गया. पूरे देश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली आवामी लीग सरकार के कोटा सिस्टम के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जिसके परिणामस्वरूप 5 अगस्त, 2024 को प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा. वह वर्तमान में भारत में निर्वासन में हैं. इसके तीन दिन बाद बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हुआ था. भारत ने इससे पहले बांग्लादेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव शीघ्र कराने का आह्वान किया था, साथ ही पड़ोसी देश द्वारा शेख हसीना की अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने पर चिंता भी जताई थी.
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