
- सौर ऊर्जा उत्पादन में प्रदेश में दूसरे स्थान पर पहुँचा उज्जैन, सबसे आगे इंदौर
उज्जैन। उज्जैन में सौर ऊर्जा उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। आंकड़ों की बात करे तो इंदौर के बाद उज्जैन जिले में 2650 छतों पर सूरज की किरणों से बिजली बन रही है जिसका सीधा फायदा बिजली उपभोक्ताओं को ही हो रहा हैं।
उल्लेखनीय है कि सौर ऊर्जा से बिजली की पैनल लगाने का क्रम तकरीबन 8 साल पहले 2016 में शुरू हो गया था, वर्तमान में इंदौर शहर में 14500, उज्जैन में 2650 और देवास जिले के 1640 छतों के परिसरों पर की परिसरों पर सौर ऊर्जा की पैनल लगी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक इंदौर दोनों संभागों में सबसे आगे हैं। इसके बाद उज्जैन दूसरे नंबर पर है। इसके अलावा अन्य जिलों में 100 से 750 स्थानों पर संयंत्रों के माध्यम से सौर ऊर्जा उत्पादन हो रहा है। बता दें कि पीएम सूर्य घर में प्रति उपभोक्ता को पात्रता के अनुसार 78 हजार की अधिकतम सब्सिडी मिलने से प्रतिमाह 200 से 300 बिजली उपभोक्ता रूफ टॉप सोलर नेट मीटर की ओर आकर्षित हो रहे हैं। योजना के तहत प्रकरणों को समय पर निराकृत करने के आदेश हैं, योजना क्रियान्वयन एवं प्रकरणों के निराकरण को लेकर कंपनी स्तर पर सतत समीक्षा भी की जा रही हैं।
3 किलोवॉट तक 78 हजार की सब्सिडी..
बता दें कि योजना के तहत 3 किलोवॉट तक के संयंत्र पर 78 हजार रुपए की सब्सिडी केंद्र शासन की ओर से सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में प्राप्त हो रही है। साथ ही सौर ऊर्जा उत्पादन से पर्यावरण संरक्षण की भावना को भी बढ़ावा मिल रहा है, क्योंकि सौर ऊर्जा उत्पादन में न तो कोयला लगता है, न ही पानी की आवश्यकता होती है। साथ ही यह ऊर्जा प्रदूषण रहित ऊर्जा होती है।