
नई दिल्ली: एलन मस्क (elon musk) की स्पेस एजेंसी SpaceX ने एक और बड़ी अचीवमेंट हासिल की है. कंपनी ने Starlink प्रोजेक्ट के तहत एक साथ 26 नए सैटेलाइट्स को स्पेस में भेज दिया है. इस लॉन्च के बाद Starlink नेटवर्क के एक्टिव सैटेलाइट्स की संख्या अब 7600 से भी ज्यादा हो गई है. ये लॉन्च शुक्रवार को कैलिफोर्निया के वैंडनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से किया गया. ये Starlink की उस प्लानिंग का हिस्सा है, जिसमें Elon Musk पूरी दुनिया में हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस देना चाहते हैं. मस्क उन इलाकों में जहां अब तक इंटरनेट पहुंचना नामुमकिन रहा है वहां पर भी हाईस्पीड इंटरनेट सर्विस देने का दावा करते हैं.
SpaceX अब तक Starlink मिशन के तहत 100 से ज्यादा सफल लॉन्च कर चुकी है. इन लॉन्चों के जरिए कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से फैल रही सैटेलाइट ब्रॉडबैंड नेटवर्क बना रही है. Starlink के सैटेलाइट लो-अर्थ ऑर्बिट में तैनात होते हैं, जिससे डाटा ट्रांसमिशन में लेटेंसी बेहद कम होती है और दूरदराज के इलाकों तक भी इंटरनेट का लाभ मिल सकता है. Elon Musk का दावा है कि आने वाले समय में Starlink पूरी दुनिया को एक ग्लोबल इंटरनेट गांव में बदल देगा, जहां लिमिटेशन नहीं बल्कि केवल कनेक्टिविटी मायने रखेगी.
एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink के लिए भारत में एंट्री के लिए रास्ता अब साफ हो गया है. भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने कंपनी को GMPCS (Global Mobile Personal Communication by Satellite) लाइसेंस जारी कर दिया है. इस लाइसेंस के जरिए अब स्टारलिंक भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेस शुरू कर सकेगी.
स्टारलिंक भारत में GMPCS लाइसेंस हासिल करने वाली तीसरी कंपनी बन गई है. इससे पहले भारती एयरटेल-यूटेलसैट की OneWeb और रिलायंस जियो को ये लाइसेंस मिल चुका है. Starlink 2021 से ही इंडीयन मार्केट में एंट्री की कोशिश कर रही थी. लेकिन नियम-कायदों के वजह उसे अपने शुरुआती कोशिशें रोकने पड़ी थी. कंपनी को अपने प्री-ऑर्डर कस्टमर्स को पैसे भी लौटाने पड़े थे. अब एक बार फिर Starlink भारत में वापसी की राह पर है और इस बार मंजूरी के साथ आया है.
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