
नई दिल्ली: बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay high court) ने साल 2006 में गैंगस्टर छोटा राजन (Gangster Chhota Rajan) के करीबी सहयोगी लखन भैया के फर्जी एनकाउंटर मामले (fake encounter cases) में पूर्व पुलिसकर्मी प्रदीप शर्मा (Pradeep Sharma) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में बरी कर दिया था. फर्जी एनकाउंटर मामले में मंगलवार को जस्टिस रेवती मोहित डेरे और जस्टिस गौरी गोडसे की पीठ ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के फैसले विकृत और अस्थिर बताया है. ट्रायल कोर्ट ने प्रदीप शर्मा के खिलाफ मौजूद सबूतों को नजरअंदाज कर दिया था. कॉमन चेन इस मामले में प्रदीप शर्मा की संलिप्तता को पूरी तरह साबित करती है.
हाई कोर्ट अपना फैसला सुनाते हुए 2006 के मामले में 21 आरोपियों में से छह को बरी कर दिया है. जबकि 11 के खिलाफ ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है. साथ ही अदालत में केस की सुनवाई के दौरान दो दोषियों की मौत हो चुकी है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2006 के लखन भैया एनकाउंटर मामले में पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को बरी किए जाने के खिलाफ साल 2006 में दायर अपील को मंजूरी दे दी थी, क्योंकि ट्रायल कोर्ट ने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में बरी कर दिया था. इसके बाद रामप्रसाद गुप्ता उर्फ लखन भैया के वकील ने पुलिस अधिकारी की रिहाई को चुनौती दी थी. साथ ही इस मामले के सभी आरोपियों ने सजा के खिलाफ अपील की थी.
लखन भैया की हत्या और साजिश के लिए तीन पुलिस अधिकारी तानाजी देसाई, प्रदीप सूर्यवंशी और दिलीप पलांडे को दोषी ठहराया है. साथ ही मुठभेड़ में सहायता करने और उकसाने के लिए रत्नाकर कांबले, शैलेन्द्र पांडे, हितेश सोलंकी, अखिल खान उर्फ बॉबी, विनायक शिंदे, मनु मोहन राज, सुनील सोलंकी, नितिन सरतापे, मोहम्मद शेख, देवीदास सकपाल, जनार्दन भांगे, प्रकाश कदम, गणेश हरपुडे, आनंद पटाडे, पांडुरंग कोकम, संदीप सरदार, सुरेश शेट्टी और अरविंद सरवनकर सहित अन्य 17 लोगों को दोषी ठहराया था.
वहीं, अदालत में सुनवाई के दौरान दो दोषी जनार्दन भांगे और पुलिस निरीक्षक अरविंद सरवनकर का निधन हो गया है. मामले के अधिकांश दोषी जेल में बंद हैं. अपील की सुनवाई के दौरान मनु मोहन राज, सुनील सोलंकी, मोहम्मद टक्का और सुरेश शेट्टी जमानत पर थे. इस मामले में 13 मार्च 2011 को मुठभेड़ का मुख्य गवाह भेड़ा भी वाशी से लापता हो गया था और दो महीने बाद 30 जून को नवी मुंबई पुलिस को उनका शव मिला था.
लखन भैया को अंडर वर्ल्ड डॉन छोटा राजन का सहयोगी बताया जाता था. मामले की जांच से पता चला कि यह साजिश रची गई थी और लाखन भाइया को प्रदीप शर्मा की टीम ने अनिल भेड़ा के साथ वाशी से पकड़ा था और बाद में उसी शाम पश्चिमी उपनगरीय मुंबई के वर्सोवा में नाना-नानी पार्क के पास एक कथित मुठभेड़ में हत्या कर दी.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved