
नलखेड़ा। अक्सर देखने में आता है कि लोग अतिक्रमण करते हैं और प्रशासन हटाता है जिसका विरोध नागरिकों द्वारा किया जाता है लेकिन नगर में इसका उल्टा हो रहा है, यहाँ नागरिक अतिक्रमण हटाने की मांग कर रहे है और जिम्मेदार अपने कर्तव्य का पालन नहीं कर रहे है। तीन सप्ताह पूर्व नागरिकों द्वारा दिये गए ज्ञापन के बाद जिम्मेदारों द्वारा 15 दिवस में अतिक्रमण हटाने की बात कही थी लेकिन तीन सप्ताह बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है। मामला नगर के सरदार पटेल चौराहे का है। यहाँ के निवासियों बि_ल प्रसाद, चेतन, अर्जुन, जयनारायण आदि द्वारा गत 10 नवंबर को नगर परिषद के सीएमओ को एक ज्ञापन सौंपकर सरदार पटेल चौराहे को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग की गई थी। ज्ञापन में बताया गया था कि सरदार पटेल चौराहे को हाथ ठेला, वाहन, मोटरसाइकिल, होटल की भट्टियों व दुकानदारों द्वारा अपना सामान फैलाकर छोटा कर दिया गया है जिसके कारण यहाँ हमेशा जाम की स्थिति रहती है। इसी के चलते दुर्घटना व विवाद की स्थिति निर्मित होने की भी आशंका बनी रहती है। ज्ञापन में चौराहे से हाथ ठेले, खड़े दोपहिया व चौपहिया वाहन, दुकानदारों का सामान व होटल की भट्टियों को हटाकर चौराहे को अपने मूलरूप में चौड़ा करने व साफ व स्वच्छ करने की मांग की गई थी लेकिन ज्ञापन सौपे जाने के एक माह बाद भी जिम्मेदारों द्वारा आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है और रहवासी समस्याओं से जूझने पर मजबूर हो रहे हैं। उक्त मामले से स्पष्ट हो रहा है कि जिम्मेदार जहाँ आमजन की समस्या का निपटारा नहीं कर रहे हैं, वहीं अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर प्रशासनिक सेवा के धर्म का भी पालन नहीं कर रहे है।
जनसुनवाई में भी लगा चुके गुहार
सरदार पटेल चौराहे के रहवासी व दुकानदारों द्वारा कलेक्टर से जनसुनवाई में भी गुहार लगाते हुए अतिक्रमण हटाने की मांग की जा चुकी है लेकिन उक्त जनसमस्या के निराकरण के लिए जिम्मेदारों द्वारा आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जिम्मेदारों की उक्त कार्यप्रणाली कई प्रकार के सवाल उठा रही है। आखिर क्यों जिम्मेदार समस्या का हल नही करना चाहते है। आखिर क्यों जिम्मेदार सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का फर्जी तरीके से निराकरण कर स्वयं की पीठ थपथपा रहे है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर कब जिम्मेदार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करेंगे।
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