
बर्लिन । जर्मनी (Germany) को यूरोप (Europe) की आर्थिक महाशक्ति कहा जाता है। लेकिन आज यह देश एक ऐसी चुनौती का सामना कर रहा है जो न केवल उसकी सामाजिक संरचना (social structure) को प्रभावित कर रही है, बल्कि भविष्य की आर्थिक स्थिरता को भी खतरे में डाल रही है। जर्मन फेडरल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (डेस्टाटिस) के हालिया आंकड़ों के अनुसार, 2024 में जर्मनी की जन्म दर 1.35 बच्चे प्रति महिला तक गिर गई, जो पिछले दो दशकों में सबसे निचला स्तर है। यह आंकड़ा न केवल चिंताजनक है, बल्कि यह एक गहरे सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन की ओर इशारा करता है।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जर्मनी में जन्म दर में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जो अब लगभग दो दशकों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। 2024 में जर्मनी में कुल 677,117 बच्चे पैदा हुए, जो 2023 की तुलना में 15,872 कम है। यह 2% की गिरावट दर्शाता है, हालांकि पिछले वर्षों (2022 और 2023 में क्रमशः 8% और 7% की गिरावट) की तुलना में यह कमी धीमी हुई है।
क्षेत्रीय असमानताएं और ट्रेंड्स
जर्मनी के विभिन्न क्षेत्रों में जन्म दर में भिन्नता देखी गई है। पूर्वी जर्मनी के थुरिंगिया में जन्म दर में सबसे तेज 7% की गिरावट दर्ज की गई, जो 1.24 बच्चे प्रति महिला तक पहुंच गई, जबकि दक्षिण-पश्चिमी राज्य बाडेन-वुर्टेमबर्ग में केवल 1% की कमी के साथ जन्म दर 1.39 रही। यह गिरावट जर्मन नागरिकता वाली महिलाओं के बीच और भी स्पष्ट है, जहां जन्म दर दशकों में सबसे निचले स्तर पर है।
2024 में माताओं की औसत आयु 31.8 वर्ष और पिताओं की 34.7 वर्ष रही, जो 2021 से स्थिर है। पहली बार माता-पिता बनने वालों की औसत आयु क्रमशः 30.4 और 33.3 वर्ष थी। 1991 के बाद से माता-पिता की औसत आयु में लगभग चार वर्ष की वृद्धि हुई है, जो देर से बच्चे पैदा करने की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
आर्थिक और सामाजिक चुनौतियां
जर्मनी की जन्म दर दशकों से 2.1 के प्रतिस्थापन स्तर (रिप्लेसमेंट लेवल) से नीचे रही है, जिससे दीर्घकालिक जनसांख्यिकीय बदलावों की चिंता बढ़ रही है। कम जन्म दर से श्रम बल में कमी, पेंशन प्रणाली पर बढ़ता दबाव और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 महामारी के प्रभाव, यूक्रेन युद्ध, महंगाई और जलवायु संकट जैसे कारकों ने परिवार नियोजन को प्रभावित किया है, जिसके कारण कई लोग बच्चों को जन्म देने में देरी कर रहे हैं या इसे टाल रहे हैं।
जर्मन इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक रिसर्च (Ifo) के अनुसार, 2021 में 1.58 बच्चे प्रति महिला की तुलना में 2024 में यह आंकड़ा 1.35 तक गिर गया। पूर्वी जर्मनी में जन्म दर में 17.5% की गिरावट देखी गई, जो पश्चिमी जर्मनी की तुलना में अधिक है। यह आंशिक रूप से 27-36 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं की संख्या में कमी और बेहतर करियर अवसरों के लिए पूर्व से पश्चिम की ओर प्रवास के कारण है।
नीतिगत सुझाव और भविष्य की चिंताएं
विशेषज्ञों का कहना है कि कम जन्म दर के दीर्घकालिक प्रभावों से निपटने के लिए सामाजिक और नीतिगत बदलाव आवश्यक हैं। जर्मन इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन रिसर्च (BiB) के शोधकर्ता मार्टिन बुजर्ड का मानना है कि बेहतर चाइल्ड केअर सुविधाएं और वर्क-लाइफ बैलेंस नीतियां जन्म दर को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। 2007 के बाद से टॉडलर के लिए डे-केयर स्थानों की संख्या 10% से बढ़कर 30% हो गई है, जिसे एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
हालांकि, बड़े परिवारों के लिए आर्थिक चुनौतियां बनी हुई हैं। BiB के एक सर्वेक्षण के अनुसार, दो-तिहाई युवा मानते हैं कि बड़े परिवार आकर्षक हैं, लेकिन आधे का कहना है कि यह केवल उन लोगों के लिए संभव है जो इसे वहन कर सकते हैं। जर्मनी में तीन या अधिक बच्चों वाले परिवारों में से एक-चौथाई को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है।
यूरोस्टैट के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में यूरोपीय संघ की औसत जन्म दर 1.38 थी, जो जर्मनी के उस वर्ष के आंकड़े से मेल खाती है। हालांकि, 2024 के लिए यूरोपीय संघ के आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हैं। यूरोप में फ्रांस सबसे अधिक जन्म दर वाला देश है, जबकि माल्टा सबसे कम। जर्मनी की स्थिति यूरोपीय औसत के आसपास है, लेकिन यह दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता के लिए चिंता का विषय है।
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