
नई दिल्ली: यूरोपियन संघ और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) के बीच हो रहे व्यापार समझौते के बाद EU की दुनिया में थू-थू हो रही है. रूस- हंगरी समेत तमाम देशों के नेताओं ने इसे ट्रंप के सामने घुटने टेकने जैसा बताया है. व्हाइट हाउस के अधिकारी सेबेस्टिक गोर्का ने भी कुछ ऐसा ही दावा किया है. इस व्यापार समझौते में यूरोप पर भारी टैरिफ लगाया गया है, इसके साथ ही EU ने अमेरिका की कई परियोजनाओं में निवेश का भी ऐलान किया है.
ट्रंप और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच बैठक के बाद अमेरिका ने यूरोपीय संघ के निर्यातों पर 15 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. इसके अलावा संघ की ओर से ये वादा किया गया है कि वह अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 600 अरब डॉलर का निवेश करने का फैसला लिया गया है. यूरोपीय संघ की ओर से ये भी वादा किया गया कि है कि वह अगले तीन साल में 750 अरब डॉलर मूल्य की अमेरिकी ऊर्जा भी खरीदेगा. खास बात ये है कि इन सबके एवज में अमेरिकी वस्तुओं पर कोई पारस्परिक टैरिफ नहीं लगाया गया है.
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में आतंकवाद निरोध के वरिष्ठ निदेशक के तौर पर तैनात गोर्का ने कहा कि यह समझौता वाशिंगटन के लिए भू राजनीतिक जीत है. न्यूजमैक्स से बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरे जैसे व्यक्ति को भी इस बात पर आश्चर्य है कि कैसे पूरा यूरोपीय संघ अमेरिका के सामने इस तरह झुक गया. उन्होंने कहा कि इस समझौते के बाद साफ तौर पर स्पष्ट है कि अगले 50 से 100 साल में ट्रंप दुनिया को बदलने वाले हैं. यदि कोई ये नहीं समझ रहा है तो वह मूर्ख है.
अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच हुए इस समझौते की यूरोप के कई देशों ने निंदा की है. हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबा ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने नाश्ते में उर्सुला वॉन डेर लेयेन को खा लिया है. इसके अलावा फ्रांस के प्रधानमंत्री फ्रांकाइस बारू ने भी इस समझौते की निंदा करते हुए इसे अमेरिका के सामने यूरोपीय संघ ने समर्पण कर दिया है. फ्रांस की राष्ट्रीय पार्टी नेशनल रैली की एक प्रमुख विपक्षी नेता मरीन ले पेन ने इसे राजनीतिक आर्थिक और नैतिक विफलता बताया. उधर इटली के विपक्षी नेताओं ने भी इस समझौते की निंदा की है. हालांकि मेलोनी ने इस पर पॉजिटिव रुख दिखाया है.
रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने कहा है कि अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच हुआ यह समझौता पूरे यूरोप के लिए अपमानजनक है. उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ ने कड़े टैरिफ से बचने के लिए यह स्वीकार कर लिया है. एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने कहा कि इन समझौतों का मतलब है कि ट्रंप ने यूरोप को धूल चटा दी है. मेदवेदेव के मुताबिक वह सिर्फ यूरोपीय लोगों के लिए दुख महसूस कर सकते हैं.
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