
नई दिल्ली। एक पेड़ का आर्थिक मूल्य एक वर्ष में 74500 होता है। पेड़ जितना भी पुराना हो, उसके मूल्य को हर साल 74,500 रुपये से गुणा किया जाना चाहिए। यह पहली बार है जब पेड़ों का आर्थिक मूल्यांकन (Evaluation of trees) किया गया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति ने पेड़ों का मूल्यांकन किया है।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 100 वर्षों पुराने एक हैरिटेज वृक्ष की कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, एक पेड़ प्रति वर्ष 74,500 रुपये का होता है। इसमें से अकेले ऑक्सीजन की कीमत 45,000 रुपये और जैव-उर्वरकों की कीमत 20,000 रुपये होती है।
पश्चिम बंगाल द्वारा रेलवे ओवरब्रिज बनाने के लिए 356 पेड़ों (हैरिटेज वृक्ष सहित- Heritage Tree) को काटने की इजाजत देने की मांग पर समिति ने कहा कि इनकी कीमत 2.2 अरब रुपये है, जो परियोजना की लागत से अधिक है। बुधवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने बड़ी परियोजनाओं के लिए पर्यावरणीय रूप से कम हानिकारक विकल्पों को अपनाने पर जोर दिया। चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि सड़कों की जगह समुद्री और रेल मार्गों को विकसित करना चाहिए। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए ताकि पेड़ों की कटाई कम होगी।
नियम में ढील पर जताई नाखुशी
शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए उस नियम पर भी नाखुशी जताई, जिसके तहत 100 किलोमीटर तक की सड़क परियोजनाओं के लिए पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) की जरूरत नहीं है। पीठ ने कहा कि हमारे हिसाब से यह प्रावधान सही नहीं है। पीठ ने कहा कि अदालत प्रोटोकॉल बनाएगी, जिसमें सरकार को एक संभावना तलाशनी होगी कि रेलवे की परियोजना लागत में पेड़ों की लागत को शामिल किया जाए। साथ ही ऊंचे घने पेड़ों को दूसरी जगहों पर शिफ्ट किया जा सकता है। पीठ ने वकील प्रशांत भूषण से कहा कि वह वैकल्पिक उपाय सुझाएं, जिससे पर्यावरण को नुकसान से बचाया जा सके।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved