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हिरोशिमा पर परमाणु हमले के 80 साल बाद भी मृतकों की तलाश जारी, क्या है वजह

August 05, 2025

नई दिल्‍ली । 80 साल पहले 6 अगस्त को जब पहला परमाणु बम विस्फोट(Atomic bomb explosion) हुआ था, तो हजारों मृतकों को आत्मघाती हमले(Suicide attacks) के लिए प्रशिक्षित सैन्य नौकाओं(Military boats) की ओर से हिरोशिमा (Hiroshima)के दक्षिण में स्थित छोटे से ग्रामीण द्वीप निनोशिमा लाया गया था। 8 दशक पहले 1945 को हुए परमाणु हमले के बाद अब भी हिरोशिमा के नजदीकी द्वीप पर मृतकों के अवशेष की तलाश जारी है। कई पीड़ितों के कपड़े जल गए थे और उनके चेहरे और अंगों से मांस के लोथड़े लटक रहे थे। वे दर्द से कराह रहे थे। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, खराब चिकित्सा और देखभाल के कारण 25 अगस्त को जब फील्ड अस्पताल बंद हुआ तब केवल कुछ सौ लोग ही जीवित बचे थे। मृतकों को अव्यवस्थित और जल्दबाजी में चलाए गए अभियानों के बीच विभिन्न स्थानों पर दफनाया गया।


दशकों बाद इस क्षेत्र के लोग लापता लोगों के अवशेषों की तलाश कर रहे हैं ताकि पीड़ितों के प्रति सम्मान व्यक्त कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जा सके। इसका मकसद उन बचे लोगों को राहत पहुंचाना भी है जो अब भी अपने लापता प्रियजनों को याद में दुखी हैं। हिरोशिमा यूनिवर्सिटी के रिसर्चर रेबुन कायो मृतकों के अवशेषों की खोज के लिए नियमित रूप से निनोशिमा जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘जब तक ऐसा नहीं होता इन लोगों के लिए युद्ध समाप्त नहीं होगा।’

अवशेषों की तलाश में खुदाई

लापता लोगों के अवशेष अब भी खोजे जा रहे हैं। हाल ही की एक सुबह कायो पहाड़ी इलाके में स्थित उस जंगल के भूखंड पर पहुंचे, जहां वह 2018 से अवशेषों की तलाश में खुदाई कर रहे हैं। उन्होंने रबर के जूते और हेलमेट पहना और कीट-नाशक स्प्रे किया। चिलचिलाती धूप में काम करते हुए उन्होंने उस दर्द और दुख की कल्पना की जो पीड़ितों को मरने से पहले महसूस हुआ होगा। कायो को अब तक अस्थियों के लगभग 100 टुकड़े मिल चुके हैं, जिनमें खोपड़ी के टुकड़े और एक शिशु के जबड़े की हड्डी भी शामिल है, जिसके छोटे-छोटे दांत जुड़े हुए हैं। उन्हें ये अस्थियां निनोशिमा के एक निवासी की ओर से सुझाए गए क्षेत्र में मिलीं।

नावों से द्वीप पर लाए गए शव

निनोशिमा के इस निवासी के पिता ने 80 वर्ष पहले हिरोशिमा से नावों के माध्यम से द्वीप पर लाए गए शवों को सैनिकों द्वारा दफनाते हुए देखा था। उन्होंने अस्थियों के बारे में कहा कि उनका मानना है कि वे एक छोटे बच्चे की थीं, यहां दफन किया गया छोटा बच्चा इतने सालों से अकेला है, यह बिल्कुल असहनीय है।’ हिरोशिमा पर अमेरिकी परमाणु हमले ने शहर को तबाह कर दिया था और निनोशिमा से लगभग 10 किलोमीटर उत्तर में स्थित हाइपोसेंटर के पास हजारों लोगों की मौत हो गई। उस वर्ष के अंत तक मरने वालों की संख्या 1,40,000 हो चुकी थी।

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