
इंदौर। एक तरफ आबकारी विभाग शराब दुकानों पर क्यूआर कोड की व्यवस्था करवाकर एमआरपी पर शराब बिकवाने के दावे करता है, तो दूसरी तरफ होटलों, रेस्टोरेंट, फार्म हाउस पर शराबखोरी के अलावा शहर की अधिकांश दुकानों पर आधी रात के बाद भी शटर उचकाकर शराब की बोतलें आसानी से मिल जाती है। 10-20 रुपए प्रति बोतल अधिक दाम चुकाकर मदिरा प्रेमी रात डेढ़-दो बजे और उसके बाद भी आसानी से शराब हासिल कर लेते हैं, जिसके चलते हुड़दंग सहित कई गंभीर वारदातें हो जाती हैं।
एक तरफ पुलिस सभी प्रमुख चौराहों पर ड्रिंक एंड ड्राइव के मामले में कार्रवाई करती है और वाहन चालकों के मुंह सूंघे जाते हैं। बड़ी संख्या में चालानी कार्रवाई के साथ लाइसेंस निरस्ती की कार्रवाई भी की जा रही है, तो दूसरी तरफ आबकारी और पुलिस विभाग की मिलीभगत के चलते आसानी से शराब मुहैया हो जाती है। अभी दीपावली के कारण शहर के अधिकांश फार्म हाउस और ढाबों सहित होटल-रेस्टोरेंट में देर रात तक पार्टियां चल रही हैं।
उनमें तो जमकर शराबखोरी हो ही रही है, वहीं रात साढ़े 11 बजे तक शराब दुकानों को खुला रखने की अनुमति दी जाती है। मगर मदिरा प्रेमियों को आधी रात के बाद भी आसानी से शराब की जुगाड़ हो जाती है। इमली बाजार की विदेशी और देसी शराब पर रात 1 बजकर 20 मिनट पर शटर ऊंचा कर शराब खरीदते फोटो भी सामने आया। तो इसी तरह की सुविधा मालवा मिल, पाटनीपुरा, परदेशीपुरा, गाड़ी अड्डा आदि जगह उपलब्ध है। खासकर उन शराब दुकानों पर तो रातभर ही यह सुविधा उपलब्ध रहती है, जो घनी आबादी के बाहर स्थित है। बायपास, सुपर कॉरिडोर, खंडवा रोड से लेकर देवास नाके की तरफ की दुकानों-ढाबों पर आसानी से अधिक दाम चुकाकर शराब मिल जाती है। यही कारण है कि दुर्घटनाओं के साथ-साथ कई आपराधिक घटनाएं, मारपीट, हुड़दंग की खबरें आए दिन सामने आती है।
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