
इंदौर। 12 सितंबर 1984 को इंदौर में जन्मे आकाश विजयवर्गीय (Akash Vijayvargiya) को सनातन संस्कृति (Sanatan Culture) के संस्कार (Sanskaars) परिवार से मिले। स्कूली शिक्षा उन्होंने संस्कारों की पाठशाला सरस्वती शिशु मंदिर से ली। इंजीनियरिंग के लिए उन्होंने शासकीय इंजीनियर कॉलेज उज्जैन को चुना और उसके बाद उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गए। विश्व की प्रतिष्ठित कार्नेगी मेलोन यूनिवर्सिटी पिट्सबर्ग, अमेरिका से पर्यावरण विज्ञान में मास्टर डिग्री ली। वो चाहते तो विदेश में रहकर शानो-शौकत की जिंदगी गुजार सकते थे, लेकिन उन्हें उनकी दादी से मिले सनातनी संस्कार और पिता से मिली जनसेवा की शिक्षा को आत्मसात कर उन्होंने स्वदेश की राह पकड़ी और पुन: अपने शहर इंदौर लौटकर अपना जीवन जनसेवा को समर्पित कर दिया।
देव से महादेव से किया जनसेवा का शुभारंभ
जनसेवा को जीवन का लक्ष्य बनाते हुए आकाश विजयवर्गीय ने देव से महादेव संस्था की स्थापना की, जिसमें हजारों हजार युवाओं को सनातन धर्म से जोड़ा। देव आराधना और समाजसेवा को समर्पित इस संस्था के माध्यम से उन्होंने जनसेवा के अनेकों कार्य किए। ओम नम: शिवाय के जाप का विश्व रिकॉर्ड बनाया। आज भी आकाश विजयवर्गीय के सान्निध्य में समय-समय पर धार्मिक स्थलों पर ओम नम: शिवाय के जाप का आयोजन निरंतर किया जाता है, जिसमें हजारों की संख्या में शिवभक्त शामिल होते हैं। इस संस्था के माध्यम से आकाश विजयवर्गीय ने नशामुक्ति का संदेश दिया और युवाओं को सनातन धर्म से जोड़ कर उन्हें सही राह पर अग्रसर किया। युवाओं पर इसका काफी असर भी देखा गया। उनका कहना है कि देव आराधना और समाजसेवा से बड़ा कोई नशा नहीं है। उन्होंने देव से महादेव नामक एक किताब का भी लेखन किया है।
धरोहरों को दी वैश्विक पहचान
सुदृढ़ रणनीति, कार्यकुशलता, विनम्र स्वभाव और समर्पण के भाव से आकाश विजयवर्गीय थोड़े ही समय में हर उम्र और वर्ग के चहेते युवा राजनेता बन गए। आकाश विजयवर्गीय मातृशक्ति के लाड़ले बेटे और भाई हैं तो युवाओं के वे प्रेरणास्त्रोत हैं। विधानसभा 3 में उन्होंने विधायक रहते हुए केवल ढाई साल में ढाई हजार करोड़ रुपए के विकास कार्य करवाए, क्योंकि सवा साल कांग्रेस सरकार के और सवा साल कोरोना काल की वजह से विकास ठप रहा। विधायक रहते उन्होंने विशाल क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया था। करीब डेढ़ महीने चले इस टूर्नामेंट में 2 हजार से ज्यादा टीमों ने हिस्सा लिया था। मातृशक्ति को सम्मान देते हुए रक्षाबंधन पर्व का आयोजन किया, जिसमें 5 हजार से ज्यादा बहनों ने भाग लिया था। 100 से ज्यादा बसों का इंतजाम कर महिलाओं के लिए बगलामुखी तीर्थस्थान की यात्रा का आयोजन किया। महिला दिवस के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें देश-विदेश की 54 महिला पहलवानों ने भाग लिया। स्मार्ट सिटी के अंतर्गत ऐतिहासिक राजबाड़ा, गोपाल मंदिर और गांधी हाल का जीर्णोद्धार करवाया। शहर की ऐतिहासिक धरोहर बोलिया सरकार की छत्री के पट जो वर्षों से बंद थे, उसको काफी जद्दोजहद के बाद आम लोगों के दर्शनार्थ खुलवाया। आज छत्री में स्थित शिवलिंग का आसपास रहने वाले शिवभक्त प्रतिदिन जलाभिषेक कर आराधना करते हैं।
विकास पुरुष से बनाई पहचान
विधानसभा 3 के विभिन्न शिक्षण संस्थाओं को स्मार्ट बनाते हुए उनको आधुनिक संसाधनों की सौगात दी। स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुए सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण करवाते हुए एम.टी.एच. हॉस्पिटल, कैंसर हॉस्पिटल आदि का जीर्णोद्धार करवाया और क्षेत्र में कई स्थानों पर संजीवनी क्लिनीक की स्थापना की। हर घर नल-जल योजना के तहत क्षेत्र में नर्मदा पाइप लाइन बिछाने से लेकर नवीन टंकी निर्माण तक का कार्य किया। सुगम और सहज यातायात के लिए क्षेत्र में बड़ी संख्या में सडक़ों और पुलों का निर्माण करवाया। क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों को आयुष्मान, आवास योजना, तीर्थदर्शन योजना जैसी शासकीय योजनाओं का लाभ दिलवाया। विकास कार्यों और जनसेवा का जो सिलसिला आकाश विजयवर्गीय ने विधायक रहते प्रारंभ किया था वह आज भी जारी है। आज भी उनका दिन जनसेवा, विकास कार्य और जनता की समस्याओं को गंभीरता से सुनकर उनका समाधान करने में निकलता है।
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