नई दिल्ली (New Delhi) । प्रतिबंध के बाद भी आज अधिकांश बच्चे ई-सिगरेट पीने के नुकसान नहीं जानते हैं। 96 फीसदी बच्चों को यह भी नहीं पता है कि भारत में ई-सिगरेट (E-cigarettes) या उससे जुड़े अन्य उत्पादों पर प्रतिबंध है, हालांकि, प्रतिबंध के बाद भी कई कंपनियां ई-सिगरेट और उससे जुड़े तकनीकी उत्पादों का अलग-अलग तरह से प्रचार कर बेच रही हैं।
सूचना के इस युग में भी भारतीय युवाओं पर नशे वाले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के झांसे में आने का यह खतरा चिंता बढ़ाने वाला है। वैपिंग करते हुए बच्चे निकोटीन, फ्लेवरिंग, अल्ट्राफाइन पार्टिकल और कई रसायनों को सांस के साथ अंदर लेते हैं, जो फेफड़ों की बीमारी का कारण बन सकता है, इसलिए जरूरी है कि बच्चों को वैपिंग से जुड़े खतरों के बारे में सही जानकारी दी जाए और इस बारे में फैले हुए भ्रम को दूर किया जाए।
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