
ब्लैक फंगस की जंग के लिए भी जीरा…
एक मरीज को इंजेक्शन के 90 डोज लगेंगे, 2 का भी इलाज संभव नहीं
इंदौर। रेमडेसिविर (Remedisvir) की डिमांड से जूझते शहर में अब ब्लैक फंगस (black fungus) से जीवन की रक्षा करने वाले इंजेक्शन एम्फोटेरेसिन-बी (injection amphotericin-B) के एक मरीज को 90 डोज लगाना जरूरी है, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इंदौर केवल 100 डोज भिजवाए गए, जिससे दो मरीजों का भी इलाज संभव नहीं है। ब्लैक फंगस (black fungus) से सुरक्षा देने के लिए हर दिन इस इंजेक्शन (Injection) के 500 मिलीग्राम डोज देना आवश्यक हैं और यह एक इंजेक्शन 50 मिलीग्राम का आता है, यानी मरीज को इस इंजेक्शन के 10 डोज लगातार 9 दिनों तक देना पड़ते हैं और हालत यह है कि पहले दिन के उक्त 10 इंजेक्शन जहां बाजार में मिलना मुश्किल है, वहीं मध्यप्रदेश सरकार ने भी कुल 100 डोज इंदौर शहर के लिए भिजवाए।
ब्लैक फंगस (black fungus) के इंजेक्शन के इन्दौर में तो चुनिंदा डीलर ही हैं, जबकि प्रदेश के अन्य शहरों में तो कोई डीलर नहीं होने से उनकी भी डिमांड इन्दौर से ही पूरी की जाती है। ऐसे में यकायक उक्त इंजेक्शन की मांग आने से डीलर से लेकर निर्माण कम्पनी तक भी मांग पूरी करने में नाकाम हैं। यह इंजेक्शन एक कम्पनी एम्फोटेक्स के नाम से बनाती है तो सिप्ला कम्पनी होसम-50 के नाम से, वहीं एक अन्य कम्पनी एम्फोलिप के नाम से एंटीफंगल इंजेक्शन (Injection) बना रही है तो ग्लैनमार्क कम्पनी कस्फंग-70 के नाम से। इसके बावजूद इस भयानक बीमारी से लडऩे का मुख्य हथियार भी उपलब्ध नहीं होने से ब्लैक फंगस के कारण कई मरीज आंखें गंवा रहे हैं तो कई मौत के मुंह में जा रहे हंै।
124 मरीजों पर होगी स्टडी…
48 घंटे में ब्लैक फंगस के लिए बनाई कमेटी सौंपेगी रिपोर्ट
कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस (black fungus) का खतरा स्वस्थ हुए मरीजों पर मंडरा रहा है। इंदौर सहित प्रदेश में लगातार इसके मरीज मिल रहे हैं। लिहाजा शासन-प्रशासन भी लगातार बैठकें कर रहा है और संभागायुक्त ने विशेषज्ञों की कमेटी भी गठित की, जो इंदौर के 124 ब्लैक फंगस पीडि़त मरीजों की स्टडी कर 48 घंटे में रिपोर्ट अपनी अनुशंसा के साथ प्रस्तुत करेगी। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ने भी कोरोना के साथ ब्लैक फंगस की समीक्षा भी की और इससे जुड़े इंजेक्शनों-दवाइयों की कमी को जल्द दूर करने का दावा भी किया और कुछ इंजेक्शन एमजीएम मेडिकल कालेज को मिले हैं। वहीं 2 हजार इंजेक्शन (Injection) और आज-कल में पहुंचने की उम्मीद है। कोरोना के उपचार उपरांत म्यूकरमोईकोसिस यानी ब्लैक फंगस के प्रकरण काफी संख्या में संभाग में चिन्हित हो रहे हैं। संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा (Dr. Pawan Kumar Sharma) ने म्यूकरमोइकोसिस के प्रकरणों के अध्ययन के लिये विशेषज्ञों की समिति गठित की है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved