
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का देश के नाम संबोधन (Address to the Nation) शुरू हो चुका है. नवरात्रि (Navratri) से एक दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी के इस संबोधन को काफी खास माना जा रहा है, क्योंकि कल से नया जीएसटी (GST) लागू हो रहा है. उससे पहले पीएम मोदी ने बताया कि जीएसटी कट का फायदा हर किसी को मिलना है. चाहे व्यापारी हो, गरीब हो या मध्यम वर्ग के लोग, सबको इसका फायदा मिलेगा. स्वदेशी के मंत्र से ही देश को शक्ति मिलेगी. हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में कई सारी विदेशी चीजें जुड़ गई हैं, हमें इनसे मुक्ति पानी होगी. हम वो सामान खरीदें जो स्वदेशी है. मेड इन इंडिया (Made In India) हो. जिसे बनाने में हमारे अपने लोगों का पसीना लगा हो. हर दुकान को स्वदेशी से सजाना है. गर्व से कहो ये स्वदेशी हो, गर्व से कहो मैं स्वदेशी हो. ये हर भारतीय का मिजाज बनना चाहिए. जब ये होगा, तभी भारत तेजी से विकसित बनेगा.
पीएम मोदी का संबोधन 17 मिनट का होगा. पीएम मोदी नवरात्री से पहले जीएसटी 2.0 रोल का ‘डबल तोहफा‘ दे सकते हैं. वे अपने संबोधन में अमेरिका के 50 प्रतिशत टैरिफ या फिर हाल के डोनाल्ड ट्रंप H 1B वीजा पर बात कर सकते है. हालांकि, ये सभी सिर्फ कायास ही है. वह किन मुद्दों पर बात करेंगे इसकी सटीकता तो उनके संबोधन के बाद ही पता चलेगा. इसी साल लाल किले से अपने संबोधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि यह दिवाली आमलोगों के लिए डबल गिफ्ट होगी. अब देखना होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किस मुद्दे पर बात करने वाले हैं. इससे पहले वे 2016 में नोटबंदी के दौरान, इसके बाद कोरोना लॉकडाउन में उन्होंने देश को संबोधित किया था.
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जीएसटी दरों में कमी से एमएसएमई को फायदा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुँचने के लिए हमें आत्मनिर्भरता के मार्ग पर चलना होगा, और भारत को आत्मनिर्भर बनाने की एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी हमारे एमएसएमई पर भी है. देश के लोगों को जो चाहिए, जिसे हम अपने देश में बना सकते हैं, हमें वही देश में ही बनाना चाहिए… जीएसटी दरों में कमी और नियमों व प्रक्रियाओं के सरलीकरण से हमारे एमएसएमई, लघु उद्योग और कुटीर उद्योगों को बहुत लाभ मिलेगा. उनकी बिक्री बढ़ेगी और उन्हें कम कर देना होगा, यानी उन्हें दोगुना लाभ भी मिलेगा… जिस प्रकार देश की स्वतंत्रता को स्वदेशी के मंत्र से ताकत मिली… उसी प्रकार देश की समृद्धि को भी केवल स्वदेशी के मंत्र से ही ताकत मिलेगी…
आत्मनिर्भर भारत के लिए राज्य सामने आएं: देश के नाम संबोधन में बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं सभी राज्य सरकारों से भी अनुरोध करता हूं कि वे ‘आत्मनिर्भर भारत’ और स्वदेशी अभियान में शामिल हों और अपने राज्यों में उत्पादन बढ़ाकर निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करें… जब राष्ट्र और राज्य मिलकर काम करेंगे, तो ‘आत्मनिर्भर भारत’ का सपना साकार होगा.
जरूरतें बदलती हैं तो सुधार भी होते हैं- बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, सुधार एक सतत प्रक्रिया है। जैसे-जैसे समय बदलता है और देश की आवश्यकताएं बदलती हैं, अगले दौर के सुधार भी उतने ही आवश्यक होते हैं. ये नए जीएसटी सुधार देश की वर्तमान आवश्यकताओं और भविष्य के सपनों को ध्यान में रखते हुए लागू किए जा रहे हैं.
पीएम मोदी बोले-अब दवाइयां, साबुन, स्वास्थ्य सेवाएं सब होंगी सस्ती
देश की वर्तमान आवश्यकताओं और भविष्य के सपनों को ध्यान में रखते हुए जीएसटी में नए सुधार लागू किए जा रहे हैं. नए स्वरूप में अब केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के ही कर स्लैब रहेंगे. इसका अर्थ यह है कि रोजमर्रा की उपयोग की अधिकांश वस्तुएं अब और सस्ती हो जाएंगी. खाद्य पदार्थ, दवाइयां, साबुन, स्वास्थ्य सेवाएं, जीवन बीमा जैसी अनेक वस्तुएं और सेवाएं या तो कर-मुक्त होंगी या उन पर केवल 5 प्रतिशत कर लगेगा. जिन वस्तुओं पर पहले 12 प्रतिशत कर लगाया जाता था, उनमें से 99 प्रतिशत अब 5 प्रतिशत के कर दायरे में आ गई हैं.
पीएम मोदी बोले – हमें ‘नागरिक देवो भव’ के मंत्र पर चलना होगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, …हम ‘नागरिक देवो भव’ के मंत्र पर चलते हुए आगे बढ़ रहे हैं और इसका असर हमें अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों में भी दिख रहा है. अगर हम आयकर में दी गई छूट और जीएसटी में दी गई छूट को जोड़ दें, तो सिर्फ एक साल में लिए गए फैसलों से देश की जनता को 2.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत होगी। और इसी वजह से मैं कहता हूँ, यह एक बचत महोत्सव है.
देश दर्जनों टैक्स से मुक्त हुआ: देश के नाम संबोधन में बोले पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, जब आपने हमें 2014 में सेवा का अवसर दिया तो हमने जनहित में, देशहित में जीएसटी को अपनी प्राथमिकता बनाया. हमने हर स्टेक होल्डर से चर्चा की, हमने हर राज्यों की हर शंका का निवारण किया. हर सवाल का समाधान खोजा. सभी राज्यों को, सबको साथ लेकर आजाद भारत का इतना बड़ा टैक्स रिफॉर्म्स संभव हो पाया. यह केंद्र और राज्यों के प्रयासों का नतीजा था कि आज देश दर्जनों टैक्स से मुक्त हुआ.
हर दुकान को स्वदेशी से सजाना है: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में कई सारी विदेशी चीजें जुड़ गई हैं, हमें इनसे मुक्ति पानी होगी. हम वो सामान खरीदें जो स्वदेशी है. मेड इन इंडिया हो. जिसे बनाने में हमारे अपने लोगों का पसीना लगा हो. हर दुकान को स्वदेशी से सजाना है. गर्व से कहो ये स्वदेशी हो, गर्व से कहो मैं स्वदेशी हो. ये हर भारतीय का मिजाज बनना चाहिए. जब ये होगा, तभी भारत तेजी से विकसित बनेगा.
ज्यादा टैक्स का बोझ गरीबों को उठाना पड़ता था: पीएम मोदी
GST लागू होने से पहले लाखों कंपनियों और देश के करोड़ों लोगों को विभिन्न करों के जटिल जाल से काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. एक शहर से दूसरे शहर सामान भेजने की लागत में जो वृद्धि होती थी, उसका बोझ अंततः गरीबों को उठाना पड़ता था यह लागत ग्राहकों से वसूली जाती थी. देश को इस स्थिति से बाहर निकालना अत्यंत आवश्यक था. इसलिए जब आपने हमें वर्ष 2014 में सेवा का अवसर दिया, तो हमने जनहित और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए जीएसटी को अपनी प्राथमिकता बनाया. हमने प्रत्येक हितधारक से संवाद किया और राज्यों को भी इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाया. सभी को साथ लेकर ही आज़ाद भारत में इतना व्यापक कर सुधार संभव हो सका.
GST रिफॉर्म्स से आपकी बचत बढ़ेगी, मनपसंद चीजें खरीद पाएंगे- पीएम मोदी
राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, GST रिफॉर्म्स से आपकी बचत बढ़ेगी और आप अपनी पसंद की चीजें खरीद पाएंगे. समाज के हर वर्ग को इससे लाभ होगा. यह निर्णय आत्मनिर्भर भारत के परिप्रेक्ष्य में एक बड़ा कदम है. ये सुधार भारत की विकास यात्रा को गति देंगे, कारोबार को आसान बनाएंगे और निवेश को आकर्षक बनाएंगे। हर राज्य विकास की दौड़ में समान भागीदार बनेगा.
अलग अलग जाल में उलझे थे व्यापारी, पीएम मोदी ने सुनाया किस्सा
पीएम मोदी ने कहा, देश के व्यापारी अलग अलग टैक्स के जाल में उलझे हुए थे. एंट्री टैक्स, सेल्स टैक्स, एक्साइज, सर्विस टैक्स, वैट… न जाने दर्जनों टैक्स हमारे व्यापारियों पर थे. एक जगह से दूसरे जगह माल भेजना हो तो न जाने कितने फार्म भरने होते थे. कितनी रुकवाटें थीं, जब 2014 में देश ने मुझे जिम्मेदारी सौंपी तो उसी वक्त एक विदशी अखबार में एक खबर छपी. लिखा था कि अगर एक कंपनी को बेंगलुरु से हैदराबाद अपना सामान भेजना हो तो इतना कठिन था कि वह कंपनी अपना सामान बेंगलुरु से यूरोप भेजे और फिर वही सामान यूरोप से हैदराबाद भेजे. यह तब के हालात थे. यह सिर्फ एक पुराना उदाहरण है. तब ऐसी लाखों कंपनियों को झेलना होता है.
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