
इंदौर। शहर में हर साल 10 करोड़ से अधिक के मोबाइल गुम और चोरी हो रहे हैं। इनमें से पुलिस 3 करोड़ के मोबाइल हर साल बरामद कर पा रही है। कल भी क्राइम ब्रांच ने 45 लाख के मोबाइल बरामद कर लोगों को सौंपे। बाकी इसलिए बरामद नहीं हो पाते हैं, क्योंकि या तो उनको तोडक़र बेच दिया जाता है या फिर नेपाल चले जाते हैं। देश में चोरी के मोबाइल का भी एक बड़ा मार्केट है। इंदौर से भी हर साल 10 करोड़ से अधिक के मोबाइल या तो गुम हो रहे हैं या फिर चोरी अथवा लूटे जा रहे हैं। पिछले साल क्राइम ब्रांच ने 3 करोड़ से अधिक के 1100 मोबाइल बरामद किए थे।
इस साल अब तक क्राइम ब्रांच 50 लाख के मोबाइल बरामद कर चुकी है, जो कल ही क्राइम ब्रांच ने लोगों को सांैपे हैं। एडीसीपी क्राइम राजेश दंडोतिया का कहना है कि पुलिस हर साल जितने मोबाइल बरामद कर पाती है उससे पांच गुना अधिक मोबाइल शहर से गुम या चोरी होते हैं। उनका कहना है कि बाकी के मोबाइल इसलिए बरामद नहीं हो पाते हैं, क्योंकि ये चोरों के माध्यम से व्यापारियों तक और फिर नेपाल पहुंच जाते है। वहीं ज्यादातर मोबाइल तोडक़र पार्ट के रूप में बिक जाते हैं या फिर उनका आईएमईआई नंबर बदल दिया जाता है, जिसके चलते पुलिस उनको ट्रेस नहीं कर पाती है।
चोरी के मोबाइल का बड़ा सेंटर है इंदौर
पुलिस सूत्रों के अनुसार इंदौर भी चोरी के मोबाइल का एक बड़ा सेंटर है। यहां से करोड़ों के मोबाइल नेपाल, दुबई और थाईलैंड तक जाते हैं। कुछ समय पहले क्राइम ब्रांच ने जॉनी नामक इंदौर के एक व्यापारी को नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया था। उसके ठिकानों से पुलिस ने 50 लाख के चोरी के मोबाइल बरामद किए थे। इसके अलावा इंदौर के कई व्यापारी दिल्ली और मुंबई में भी चोरी के मोबाइल के साथ पकड़े जा चुके हैं। कई राज्यों की पुलिस इंदौर में जेलरोड पर चोरी और लूट के मोबाइल बरामद करने के चक्कर में आती रहती है, जो बताता है कि इंदौर भी चोरी के मोबाइल का एक बड़ा सेंटर है और यहां से बड़ी मात्रा में चोरी के मोबाइल विदेश और दूसरे शहरों में बेचे जाते हैं। कई व्यापारियों का चोर और लुटेरों से संपर्क है, जो उनसे चोरी के मोबाइल खरीदते हैं।
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