
पटना: बिहार की सियासत में होली से पहले ही होली के रंग नेताओं के सिर चढ़कर बोलने लगे हैं. एनडीए में सीएम फेस को लेकर कशमकश अभी चल ही रही थी कि महागठबंधन में भी मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर विवाद शुरू हो गया है. भागलपुर से कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने ऐलान कर दिया है कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी तय करेंगे कि महागठबंधन का सीएम फेस कौन होगा? बिहार विधानसभा में 19 विधायकों वाली कांग्रेस पार्टी के इस तेवर को देखकर तेजस्वी यादव को 440 वोल्ट का करंट लग सकता है. क्योंकि, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जिस तरह से सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर हैं, अजीत शर्मा के इस बयान ने उनको बैकफुट पर ला दिया है.
तेजस्वी यादव लगातार सीएम नीतीश कुमार पर विधानसभा में हमला कर रहे हैं. तेजस्वी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर मंगलवार को विधानसभा में जमकर सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला था. तेजस्वी यादव ने विधानसभा में अपने संबोधन में कहा, ‘सब कुछ जाए भाड़ में, अपन कुर्सी के जुगाड़ में. उनके लिए (नीतीश कुमार) यही जुमला 20 साल के शासनकाल का कमाल है. बिहार में दिखावटी, बनावटी, फसावटी, घुमावटी, झुठलावटी, रुलावटी, तड़पावटी, मिलावटी नकली सरकार की एक्सपायरी डेट 2025 मुकर्रर कर दी गई है.’
यादव आगे कहते हैं, ‘अब सारा झूठ, बहानेबाज़ी और प्रपंच का कोई मतलब नहीं है. बिहार और बिहारवासी अब आर-पार के मूड में हैं. अब कहिएगा कि डराकर, जंगलराज बताकर, झूठा कहानी बताकर लोग झांसे में आ जाएंगे तो आप लोग गलतफहमी में जी रहे हैं. अभी भी चश्मा उतारिए. लोग 20 साल का हिसाब मांग रहे हैं. इन 20 सालों में आपने एक पीढ़ी को बर्बाद कर दिया. बिहार को अंतिम पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया. मुख्यमंत्री जी 2005 से पहले दाखिल-खारिज में कितना घूस चलता था, वह भी बता दें.’
ज़ाहिर है तेजस्वी यादव अपने संबोधन से नीतीश कुमार को घेर रहे हैं. लेकिन, इस बीच कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा के एक बयान से तेजस्वी यादव बैकफुट पर आ सकते हैं. हालांकि, इसमें भी कहीं न कहीं महागठबंधन पॉलिटिक्स नज़र आ रहा है. दरअसल बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़कर 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी. ऐसे में इस बार राजद कांग्रेस को 70 सीट देने के मूड में नहीं है. ऐसे में महागठबंधन के नेता के तौर पर राहुल गांधी और सोनिया गांधी का नाम लेकर अजीत शर्मा ने बता दिया है कि बिना महागठबंधन के सहमति तेजस्वी यादव को नेता नहीं मान सकते हैं. क्योंकि, तेजस्वी यादव पर कहीं न कहीं महागठबंधन में भी आम सहमति नहीं है.
हालांकि, तेजस्वी यादव लगातार विधानसभा में शेर-ओ-शायरी कर नीतीश पर हमलावर हैं. मंगलवार को भी उन्होंने राज्यपाल के भाषण पर एक शायरी सुनाते हुए कहा, ‘पुराने कागज़ों में उलझे हैं तुम्हारे दिन और रात, घड़ी देखकर भी भूल जाते हो हर मुलाक़ात. शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में बिहार आज फिसड्डी है. बेरोज़गारी, गरीबी और पलायन बिहार में रुक नहीं रहा है. मुख्यमंत्री को हम पत्र लिखते हैं तो मुख्यमंत्री हमारे पत्र का भी जवाब नहीं देते हैं. ऐसा कहीं होता है. नेता प्रतिपक्ष हैं.’
कुल मिलाकर, बिहार चुनाव से पहले जहां तेजस्वी यादव यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि वह नीतीश कुमार का विकल्प बनने के लिए तैयार हैं. ऐसे में कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा का ताज़ा बयान क्या तेजस्वी यादव के मुहिम को आने वाले दिनों में कमज़ोर कर सकता है? क्या एनडीए की तरह सीएम फेस को लेकर महागठबंधन में तकरार है?
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