
उज्जैन। उज्जैन रेलवे स्टेशन के प्लेट फार्म नंबर एक पर सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है और यहाँ का सुविधाघर इतना गंदा है कि वहाँ पहुँचने पर ही दुर्गंध से सामना करना पड़ता है। यात्री यहाँ पहुँचते ही रेल प्रशासन को कोसते नजर आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि महाकाल लोक बनने के बाद उज्जैन में लोगों को आना बढ़ा है। ऐसे में उज्जैन रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन हजारों यात्रियों का आना-जाना लगा रहता है और सावन के महीने में यहाँ आने वालों की संख्या दोगुनी हो जाती है और ट्रेनों के माध्यम से हजारों लोग प्रतिदिन उज्जैन पहुँचते हैं। सुबह से देर रात तक स्टेशन पर भीड़ रहती है लेकिन रेलवे प्रशासन यहाँ साफ-सफाई व्यवस्था सुचारू नहीं कर पा रहा है और स्थिति यह है कि चारों तरफ गंदगी नजर आती है। सबसे ज्यादा बुरे हाल रेलवे स्टेशन प्लेट फार्म नम्बर एक के सुविधाघर के हैं जहाँ से निकलना भी मुश्किल है और इसके अंदर घुसना तो दूर की बात है। यहाँ पहुँचते ही इतनी तेज दुर्गंध आती है कि आदमी को मुँह पर कपड़ा रखना पड़ता है। बाहर से जो यात्री यहाँ आते हैं और सुविधाघर में पहुँचते हैं तो वे रेल प्रशासन को कोसते नजर आते हैं। वहीं स्वचलित सीढिय़ों के पास और पूरा स्टेशन परिसर ही बदहाली का शिकार हो रहा है। इस रास्ते पर जगह-जगह कचरे के ढेर लगे रहते हैं। इसके अलावा स्टेशन के बाहर भी अराजकता का माहौल बना हुआ हैं। आटो तथा ई-रिक्शा वालों के कारण यात्री समझ ही नहीं पाते कि वह क्या करे, क्योंकि वे उसे आते ही घेर लेते हैं। बावजूद रेल्वे प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रही हैं।
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