
मुम्बई। टीवी इंडस्ट्री (TV Industry) का बड़ा और जाना-माना नाम रहे डायरेक्टर मंजुल सिन्हा (Director Manjul Sinha) का निधन हो गया है. मंगलवार, 14 जनवरी को गोवा (Goa) में मंजुल ने अपनी अंतिम सांस ली. डायरेक्टर अपने परिवार संग (With family) गोवा में छुट्टियां मना रहे थे. यहां उन्हें दिल का दौरा (Heart attack) पड़ा और वो गिर गए. जब तक मंजुल को मेडिकल हेल्प मिली तब तक वो दम तोड़ चुके थे. डायरेक्टर के यूं अचानक जाने से इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है. उनका परिवार सदमे में है।
प्रोड्यूसर अशोक पंडित ने मंजुल सिन्हा के निधन की खबर को कन्फर्म किया है. अशोक पंडित ने कहा, ‘मंजुल एक इन्स्टिट्यूशन थे और उनका दुनिया से जाना इंडस्ट्री का बड़ा नुकसान है. मैंने अपने टीवी करियर की शुरुआत उनके साथ की थी. उनके साथ मैंने एक दशक से ज्यादा वक्त तक काम किया था. मुझे इस नुकसान से उबरने में वक्त लगेगा।
अशोक पंडित ने फेसबुक पर भी मंजुल सिन्हा के नाम इमोशनल पोस्ट शेयर की है. इसमें उन्होंने अपने ‘फिल्म गुरु’ मंजुल सिन्हा को खोने पर शोक जताया है. मंजुल सिन्हा का अंतिम संस्कार उनके परिवार ने गोवा में ही किया है. हालांकि परिवार मुंबई में डायरेक्टर के नाम एक शोक सभा का आयोजन करने वाला है. इसमें उनके दोस्त और साथी कलाकार, डायरेक्टर को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचेंगे।
टीवी के मशहूर डायरेक्टर थे मंजुल
मंजुल सिन्हा ने अपने करियर में ‘ये जो है जिंदगी’, ‘खामोश’ और ‘जिंदगी खट्टी मीठी’ जैसे बढ़िया टीवी सीरियलों का निर्देशन किया था. साथ ही उन्होंने भारतीय टेलीविजन को अपने निर्देशन से एक नई दिशा दी थी. मंजुल उन चुनिंदा निर्देशकों में से थे, जिन्होंने भारतीय सिटकॉम को पहचान दिलाई।
मंजुल सिन्हा का जन्म एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था, जिसका सिनेमा के प्रति गहरा लगाव था. उनके परिवार का एक सिनेमा हॉल पटना में हुआ करता था, जिसकी वजह से उनका फिल्मों और फिल्म वितरण से गहरा रिश्ता जुड़ा. भोजपुरी फिल्मों के प्रति भी उनकी रुचि थी. उन्होंने सैनिक स्कूल तिलैया से हाई स्कूल की पढ़ाई की थी. मंजुल ने भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान यानी एफटीआईआई, पुणे से 1977 में स्नातक की डिग्री ली. इसके बाद उन्होंने मुंबई आकर बतौर डायरेक्टर अपने करियर की शुरुआत की।
अपने करियर में मंजुल सिन्हा ने कई टेलीविजन विज्ञापनों का निर्देशन किया. उन्हें अपना पहला बड़ा ब्रेक ‘ये जो है जिंदगी’ नाम के टीवी शो से मिला. ये भारतीय टेलीविजन के शुरुआती सिटकॉम्स में से एक था. उस समय भारतीय टेलीविजन की दुनिया में एक नई सुबह हो रही थी और रंगीन टेलीविजन के आने के साथ ‘ये जो है जिन्दगी’ एक बहुत ही लोकप्रिय शो बन गया था. कहा जाता है कि शुक्रवार रात को जब ये शो प्रसारित होता था, तो सिनेमा हॉल भी खाली हो जाते थे. इस शो ने भारतीय ऑडियंस के दिलों में अपनी खास जगह बनाई थी. इसे आज भी याद किया जाता है।
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