
नई दिल्ली: क्रिकेट इतिहास के सबसे मशहूर और सबसे बेहतरीन अंपायर में शुमार इंग्लैंड के डिकी बर्ड (Dickie Bird of England) का निधन हो गया. बर्ड 92 साल के थे. इंग्लैंड के काउंटी क्लब यॉर्कशर ने एक बयान में बर्ड के निधन की जानकारी दी. करीब 150 इंटरनेशनल मैच में अंपायरिंग करने वाले डिकी बर्ड क्रिकेट इतिहास के पहले ऐसे अंपायर थे, जिन्होंने अपने इस पेशे में खास पहचान बनाई और इसे पॉपुलर बनाया. बर्ड के निधन पर इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने भी शोक जताया. इंटरनेशनल अंपायर बनने से पहले डिकी बर्ड फर्स्ट क्लास क्रिकेटर भी थे लेकिन 32 साल की उम्र में ही उन्होंने संन्यास ले लिया था.
बर्ड ने मंगलवार 23 सितंबर को 92 साल की उम्र में अपने घर में अंतिम सांस ली. यॉर्कशर के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने वाले बर्ड के निधन की जानकारी काउंटी क्लब की ओर से ही दी गई. एक बयान में यॉर्कशर ने बताया, “यॉर्कशर काउंटी क्रिकेट क्लब को ये बताते हुए बड़ा दुख हो रहा है कि हैरल्ड डेनिस ‘डिकी’ बर्ड, का निधन हो गया, जो क्रिकेट के बेहद चहेते शख्सियतों में से एक थे.”
इंग्लैंड की यॉर्कशर काउंटी में बार्न्सले में 19 अप्रैल 1933 को जन्मे बर्ड का पूरा नाम हैरल्ड डेनिस बर्ड था लेकिन पूरी दुनिया में वो डिकी बर्ड के नाम से मशहूर हुए. उन्होंने यॉर्कशर के साथ ही अपने फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर की शुरुआत की लेकिन कभी भी 22 गज की पिच पर उन्हें खास सफलता नहीं मिली. दाएं हाथ के बल्लेबाज रहे बर्ड ने 3 साल यॉर्कशर में बिताने के बाद 4 सीजन लेस्टरशर के लिए खेले लेकिन यहां भी किस्मत नहीं बदली और यही कारण था कि सिर्फ 32 साल की उम्र में ही उन्होंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया.
मगर यहीं से उनके करियर का ग्राफ बदला, जब उन्होंने अंपायरिंग में हाथ आजमाया. सिर्फ 37 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार 1970 में काउंटी चैंपियनशिप मैच में अंपायरिंग की और फिर देखते ही देखते वो टेस्ट क्रिकेट में भी अंपायरिंग करने लगे. इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच 1973 में हुए लीड्स टेस्ट मैच के साथ उनके टेस्ट अंपायरिंग करियर का आगाज हुआ और फिर 1996 तक वो दुनिया के सबसे मशहूर अंपायर बने रहे. भारत और इंग्लैंड के बीच 1996 में लॉर्ड्स टेस्ट में उन्होंने आखिरी बार अंपायरिंग की जिम्मेदारी संभाली. इस दौरान उन्हें दोनों टीम की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया था.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved