
इंदौर। लाखों (lakhs) रुपए के डायवर्सन (diversion) शुल्क बस बाकी होने के बावजूद भी कॉलोनाइजरों (Colonizers) द्वारा प्रशासन के निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रहे हैं जिसे देखते हुए तहसीलदारों ने कुर्की (attachment) के निर्देश जारी कर ताला लगाना शुरू कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्र की कॉलोनी पर अब प्रशासन सख्ती का रुख अपना रहा है।
तिल्लौर खुर्द की कॉलोनी के मुख्य गेट पर ताला जडक़र सीलिंग की करवाई की गई। नोटिस थमाए जाने के बावजूद भी कई कॉलोनाइजर व फैक्ट्री संचालक डायवर्सन शुल्क भरने में आनाकानी कर रहे हैं। जिसे देखकर प्रशासन सख्ती करने के मोढ में आ गया है। ग्रामीण क्षेत्र की कॉलोनियों पर प्रशासन की विशेष नजर है शहरी क्षेत्र में भी राजस्व वसूली के बड़े-बड़े बकायदार सामने आ रहे हैं। नायब तहसीलदार बिचौली हप्सी देवेंद्र कछावा ने बताया कि तिल्लौर खुर्द के सर्वे नंबर 67/2 व 68/2 पर स्थापित पाइप फैक्ट्री के संचालक रीता पति राजेंद्र कासलीवाल ने 110839 का डायवर्सन शुल्क नोटिस के बाद भी जमा नहीं कराया है। अंतिम समय अवधि बीत जाने के बाद उन्होंने इस फैक्टरी पर नोटिस चस्पा करते हुए उसे सील कर ताले लगा दिए है। उन्होंने बताया कि तिल्लौर खुर्द में ही सर्वे नंबर 623/1/2, 623/2, 626, 627 और 634/1 पर विकसित होने वाली कॉलोनी फार्म वैली पर 12 लाख से अधिक का डायवर्सन शुल्क बकाया है। कॉलोनी के कर्ताधर्ता सूरज पिता प्रतापराव और प्रतापराव पिता चंद्रशेखर ने नोटिस मिलने के बाद भी राशि जमा करने में रुचि नहीं ली। उक्त कॉलोनी के द्वार पर ताला लगा दिया गया है कार्यालय को सील कर नोटिस चस्पा किया गया है उन्होंने बताया कि जब तक यह राशि जमा नहीं की जाती, कॉलोनी में किसी भी प्लांट का क्रय विक्रय नहीं किया जा सकता और ना ही उनके नामांतरण होंगे।