
इंदौर। शहर में यंू तो पुलिस रोजाना एक-दो तस्करों को गिरफ्तार कर रही है। शहर में एमडी ड्रग्स, ब्राउन शुगर, चरस, अफीम के अलावा सिंथेटिक ड्रग्स भी बड़ी मात्रा में आ रही है, लेकिन सबसे अधिक गांजा इंदौर पहुंच रहा है। यह गांजा इंदौर के आसपास के जिलों धार, खरगोन, बड़वानी, झाबुआ, देवास और उज्जैन से आ रहा है। किसान खुद अपने खेत में गांजा उगा रहे हैं और इंदौर में सप्लाई कर रहे हैं।
इस साल पुलिस ने ऐसे एक दर्जन से अधिक मामले पकड़े हैं, जिसमें आरोपी किसान हैं, जो मोटी कमाई के चलते गांजे की तस्करी कर रहे हैं। कल फिर सराफा पुलिस ने धामनोद (धार) के राजेंद्र ओसारी और महेश्वर (खरगोन) के पंकज को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उनके पास से 11 किलो गांजा और स्कूटी जब्त की। ये दोनों भी किसान हैं और खेत में गांजा उगाकर इंदौर में किसी तस्कर को देने के लिए स्कूटी से आए थे। यह बताता है कि किसान भी तस्करी के धंधे में उतर गए हैं।
ओडिशा का काला गांजा भी डिमांड में
इसके अलावा ओडिशा के काले गांजे की भी शहर में डिमांड है। कुछ दिन पहले ग्रामीण पुलिस ने एक एंबुलेंस से लाखों का गांजा जब्त कर तमिलनाडु के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जबकि एंबुलेंस के आगे पायलटिंग करने वाले प्रमुख तस्कर भाग निकले थे। इसके अलावा नारकोटिक्स विंग और डीआरआई भी काले गांजे के कंटेनर पकड़ चुकी है। यह गांजा भी नक्सली क्षेत्र में उगाया जा रहा है और देशभर में बेचा जा रहा है।
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