
नई दिल्ली । कोविड (Covid) के शुरुआती दौर में वुहान जाकर शहर (Wuhan city) के खाली रास्तों, भीड़ से भरे अस्पतालों और खाली घरों की फोटो और वीडियो पोस्ट करने वाली चीनी 42 वर्षीय महिला पत्रकार झांग झान (female journalist zhang zhan) को चार और साल की सजा सुनाई गई है। अपनी वुहान यात्रा के दौरान झांग की रिपोर्ट ने वैश्विक स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं, क्योंकि चीन सरकार ने अपने यहां से खबरों का बाहर आना लगभग बंद कर दिया था लेकिन ऐसे समय में झांग की रिपोर्ट ने चीनी सरकार के कोविड मैनेजमेंट की पोल खोलकर रख दी थी। मानवाधिकार समूहों की रिपोर्ट के मुताबिक झांग को उनकी इस रिपोर्टिंग के चलते ही गिरफ्तार कर लिया गया था और वह पहले ही चार साल की सजा काट चुकी हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक वुहान के अंदरूनी वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर डालने के चलते झांग को 2020 में गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद केस चलाकर उनको चार साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद जेल में ही झांग ने भूख हड़ताल शुरू कर दी। इसे लेकर चीनी अधिकारियों ने जबरदस्ती गैस्ट्रिक ट्यूब के जरिए उन्हें खाना खिलाया। बाद में सजा पूरी होने पर 2024 में उन्हें रिहा कर दिया गया। लेकिन केवल तीन महीने के बाद ही उन्हें झगड़ा करने और उपद्रव भड़काने के आरोप में दोबारा हिरासत में ले लिया गया। चीनी सरकार का यह आरोप अक्सर असहमति को दबाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
कथित तौर पर झांग पर जो नया मुकदमा चलाया जा रहा है, वह शंघाई की एक अदालत में हुआ। हालांकि कोर्ट के बाहर मौजूद अधिकारियों ने इसकी पुष्टि करने से इनकार कर दिया। इस मुकदमे की जानकारी लेने के लिए वहां पर मौजूद यूरोपीय और उत्तरी अमेरिकी राजनयिकों को भी कागजी कार्रवाई का हवाला देते हुए अंदर जाने से रोक दिया गया। झांग के ऊपर की गई इस कार्रवाई की फिलहाल मानवाधिकार समूहों की निंदा की है। आपको बता दें कोविड के समय पर झांग द्वारा की गई रिपोर्टिंग काफी फेमस हुई थी, क्योंकि यह चीनी सरकार द्वारा किे जा रहे दावों से एकदम अलग और चीन की जमीनी हकीकत की सच्चाई को दिखा रही थी।
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