
नई दिल्ली। आने वाले महीनों में बैंकों (Bank) की कमाई बढ़ने की उम्मीद है। सिस्टमैटिक्स रिसर्च (Systematics Research) की रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकों की मुनाफे (Profits) में बढ़त चार वजहों से हो सकती है, ज्यादा कर्ज (Loan) देने की रफ्तार, जमा पर घटती ब्याज दरें (Interest Rates), नकद आरक्षित अनुपात (Cash Reserve Ratio) में कमी और असुरक्षित लोन में फिसलन कम होना।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक इस समय जमा पर दी जाने वाली ब्याज दरों को दोबारा तय कर रहे हैं, जिससे उनके खर्च कम होंगे और मुनाफा बढ़ेगा। साथ ही, माइक्रोफाइनेंस संस्थानों में लोन न चुकाने के मामलों में कमी आई है, जिससे बैंकों की हालत और बेहतर होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बैंकों का नेट इंटरेस्ट मार्जिन यानी ब्याज से होने वाली कमाई थोड़ा कम रह सकती है, लेकिन आगे जाकर ये स्थिर होने की उम्मीद है। कुछ बैंकों ने तो उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन भी किया है। ज्यादातर बैंकों के लिए लोन पर मिलने वाला ब्याज (यील्ड) थोड़ा घटा है, लेकिन इसका असर कम रहा क्योंकि बैंकों के लिए जमा और उधार पर ब्याज का खर्च भी घटा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरों में किए गए बदलाव का पूरा फायदा बैंकों को वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही में दिखेगा। साथ ही, नकद आरक्षित अनुपात में कटौती का असर भी धीरे-धीरे नजर आएगा। बैंक प्रबंधन का अनुमान है कि तीसरी तिमाही में मुनाफे का मार्जिन स्थिर रहेगा और चौथी तिमाही से इसमें सुधार शुरू होगा, बशर्ते ब्याज दरों में आगे कोई कटौती न हो।
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