
नई दिल्ली । क्या आपने कभी सोचा है कि आपके घर में छिपी निगेटिव एनर्जी (Negative Energy) या किसी आत्मा (Soul) की मौजूदगी को सिर्फ पानी और नमक (Water and salt) की मदद से पहचाना जा सकता है? सुनने में भले अजीब लगे, लेकिन सोशल मीडिया (Social media) पर इन दिनों एक वीडियो वायरल (Video viral) हो रहा है, जिसमें ऐसा ही दावा किया गया है. यह टेस्ट न केवल रहस्यमय है बल्कि लोगों में डर और जिज्ञासा दोनों पैदा कर रहा है.
आखिर क्या है पानी और नमक का टेस्ट?
इस वायरल वीडियो में बताया गया है कि आपको सिर्फ एक गिलास पानी और एक चुटकी नमक की जरूरत है. गिलास को आधा पानी से भरें और उसमें नमक डाल दें. अब इस गिलास को घर के किसी शांत कोने में रख दें, जहां कोई उसे छेड़े नहीं. सात दिनों तक इसे ऐसे ही रहने दें और फिर नतीजे देखें.
नतीजे से कैसे पता चलेगा नकारात्मक ऊर्जा का?
वीडियो के अनुसार, अगर आपके घर में सब कुछ शांत और सकारात्मक है, तो गिलास का पानी साफ और वैसा ही रहेगा. लेकिन अगर घर में नकारात्मक ऊर्जा, काला जादू या किसी आत्मा की मौजूदगी है, तो पानी बदलने लगेगा. इसमें बुलबुले बन सकते हैं, सतह पर अजीब पैटर्न दिख सकते हैं या पानी धुंधला हो सकता है.
इस वायरल वीडियो में बताया गया है कि आपको सिर्फ एक गिलास पानी और एक चुटकी नमक की जरूरत है. गिलास को आधा पानी से भरें और उसमें नमक डाल दें. अब इस गिलास को घर के किसी शांत कोने में रख दें, जहां कोई उसे छेड़े नहीं. सात दिनों तक इसे ऐसे ही रहने दें और फिर नतीजे देखें.
नतीजे से कैसे पता चलेगा नकारात्मक ऊर्जा का?
वीडियो के अनुसार, अगर आपके घर में सब कुछ शांत और सकारात्मक है, तो गिलास का पानी साफ और वैसा ही रहेगा. लेकिन अगर घर में नकारात्मक ऊर्जा, काला जादू या किसी आत्मा की मौजूदगी है, तो पानी बदलने लगेगा. इसमें बुलबुले बन सकते हैं, सतह पर अजीब पैटर्न दिख सकते हैं या पानी धुंधला हो सकता है.
माना जाता है पानी को ऊर्जा का संवाहक?
विश्वास करने वालों का मानना है कि पानी ऊर्जा का बड़ा संवाहक (conductor) है. यह आस-पास की तरंगों और वाइब्रेशन को सोख लेता है. इसलिए अगर घर में नकारात्मक ताकतें होंगी तो उनका असर पानी पर साफ नजर आने लगेगा. यही वजह है कि सदियों से कई परंपराओं में पानी को पवित्र और शक्तिशाली माना गया है.
इंटरनेट पर क्या कह रहे लोग?
यह टेस्ट जहां कई लोगों को रहस्यमय और दिलचस्प लग रहा है, वहीं बहुत से लोग इसे सिर्फ अंधविश्वास बता रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, “यह सब धूल है, पानी गंदा होगा तो फिर से साफ करके देखो.” दूसरे ने मजाक उड़ाते हुए लिखा, “कप में धूल जम जाएगी, और कुछ नहीं.” वहीं कुछ लोगों ने कहा कि नकारात्मक ऊर्जा से बचने का सबसे अच्छा तरीका है भगवान पर विश्वास करना.
सोशल मीडिया पर इस पानी-नमक टेस्ट को लेकर लोगों की राय बंटी हुई है. कुछ इसे मजाक मान रहे हैं तो कुछ लोग डर के कारण इसे आजमाना चाहते हैं. हालांकि, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो पानी में बदलाव धूल, नमी और अन्य प्राकृतिक कारणों से भी हो सकता है.
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में बताए गए पानी और नमक टेस्ट से जुड़े दावे पूरी तरह परंपराओं और सोशल मीडिया पर वायरल कंटेंट पर आधारित हैं. इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. हम इस तरह की मान्यताओं का समर्थन या खंडन नहीं करता. पाठकों से अनुरोध है कि ऐसे अंधविश्वास पर भरोसा न करें और विवेकपूर्ण दृष्टिकोण अपनाएं.
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