
लखनऊ। धर्मांतरण (Conversion) के खुलासे के बाद देश भर में चर्चा का विषय बने जलालुद्दीन उर्फ छांगुर (Jalaluddin alias Changur) के गिरोह ने 300 करोड़ रुपये से अधिक की सम्पत्ति बनाई। धर्मांतरण के धंधेबाज छांगुर बाबा (Changur Baba) का साम्राज्य कितना बड़ा है? यह पता लगाने में जुटी पुलिस और प्रशासन को बाकायदा दस्तावेज मिले हैं। छांगुर गिरोह के साथ तीन हजार से अधिक लोग जुड़े होने के साक्ष्य मिले है पर इसमें करीब 400 लोग ऐसे है जो मुख्य रूप से इस गिरोह के लिए ही पिछले कई सालों से काम करते रहे। पाकिस्तान, दुबई, कनाडा, नेपाल और सऊदी अरब से छांगुर को फंडिंग की जाती रही। पांच जुलाई से 31 जुलाई के बीच एटीएस, ईडी और बलरामपुर पुलिस (Balrampur Police) की जांच रिपोर्ट में ऐसे ही कई तथ्य साक्ष्यों के साथ सामने आए है।
छांगुर के धर्मांतरण गिरोह को लेकर शासन बेहद गम्भीर रहा। वह रोजाना जांच एजेन्सियों से प्रगति रिपोर्ट लेता रहा। शासन ने बलरामपुर पुलिस व प्रशासन के साथ ही एटीएस व एसटीएफ को भी जांच रिपोर्ट तैयार करने को कहा था। सूत्रों के मुताबिक आगरा में दो सगी बहनों का धर्मांतरण कराने के मामले में विदेशी फंडिंग की बात सामने आने के बाद एटीएस और ईडी को जांच तेज करने को कहा गया था। इसके बाद ही ईडी ने भी छांगुर को पांच दिन की रिमांड पर लिया।
बलरामपुर तहसील से शुरू हुआ खेल
छांगुर गिरोह की सम्पत्तियों को बढ़ाने के लिए बलरामपुर जिले की उतरौला तहसील से खेल शुरू हुआ। जांच में सामने आया कि न्यायालयकर्मी राजेश की मिलीभगत से छांगुर का रुतबा तहसील में बढ़ा। यहां भू-माफिया की मदद से छांगुर ने अपने गिरोह के कई लोगों के नाम जमीनें खरीदी। सरकारी जमीनों पर कब्जा दिलाने में कर्मचारियों ने उसके इशारे पर सब कुछ किया। नीतू के नाम बनी कोठी सरकारी जमीन पर ही थी। जांच एजेन्सी के एक अधिकारी के मुताबिक छांगुर गिरोह से जुड़े कई लोगों ने सरकारी जमीनों पर कब्जा किया। रिपोर्ट में लिखा है कि न्यायालयकर्मी की पत्नी के नाम पर पुणे तक में जमीन के एग्रीमेंट करवाए गए। इसमें बलरामपुर में जमीनों की धांधली करने में मिली रकम ही छांगुर ने वहां पर लगाई।
कई तहसील और पुलिसकर्मी जांच के दायरे में
सूत्रों के मुताबिक दोनों जांच एजेन्सियों की तैयार रिपोर्ट में तहसील कर्मियों के साथ ही चिन्हित पुलिसकर्मी भी जांच के दायरे में है। छांगुर के इशारे पर इन लोगों ने पूरे गिरोह की मानक दरकिनार कर मदद की। इससे ही छांगुर की सम्पत्ति करोड़ों रुपये तक पहुंच गई। पहले भी यह बात सामने आ चुकी है कि छांगुर गिरोह समय के साथ ताकतवर होता गया। सबको सब कुछ पता था लेकिन उसकी मिलीभगत के आगे किसी की नहीं चली।
सारा राज नवीन के पास, चौंकाने वाले खुलासे होंगे
जांच एजेन्सियों की पूछताछ में छांगुर ने वह सच नहीं बताया जिसे पता करने के लिए एटीएस व ईडी ने उसे अलग-अलग समय पर रिमाण्ड पर लिया। दोनों की जांच एजेन्सियों ने शासन को बताया कि छांगुर कई सवालों पर चुप रहा। उसने यह कहकर भी बरगलाया था कि सब कुछ नीतू उर्फ नसरीन ही जानती है। पर, जांच एजेन्सियों का कहना है कि छांगुर ने गुमराह करने के लिए पहले नीतू को राजदार बताया। जबकि असलियत में उसकी सम्पत्ति और अन्य जरूरी जानकारियां नवीन रोहरा के पास ही है। नवीन मुम्बई में रहता था। नीतू उसकी पत्नी है। इन दोनों ने छांगुर के कहने पर इस्लाम धर्म कुबूल कर लिया था। ईडी के अफसरों का भी कहना है कि छांगुर के असली राज नवीन ही जानता है। इसीलिए उसे रिमाण्ड पर लेने के लिए अर्जी दी गई है। इस पर सोमवार को सुनवाई होगी।
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