
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने फिनलैंड (Finland) की प्रधानमंत्री सना मरीन (Sana Marine) के साथ हुई शिखर वार्ता में दोनों देशों के संबंधों के आधार व सहयोग के क्षेत्रों का जिक्र किया। उन्होंने फिनलैंड से भारत की अंतरराष्ट्रीय पहल सौर ऊर्जा गठबंधन व आपदा प्रबंधन अवसंरचना गठबंधन से जुड़ने की अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में जिक्र किया कि भारत ने कोरोना महामारी के दौरान दुनिया के देशों को दवा व वैक्सीन मुहैया कराई है। 150 से अधिक देशों को दवाइयां व अन्य आवश्यक सामग्री के साथ 70 देशों को भारत में बनी कोरोना वैक्सीन की 5.8 करोड़ खुराक पहुंचाई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि फिनलैंड और भारत दोनों ही एक नियम-आधारित, पारदर्शी, मानवतावादी और लोकतांत्रिक विश्व व्यवस्था में विश्वास रखते हैं। दोनों देश तकनीक, नावाचार, स्वच्छ ऊर्जा, पर्यावरण और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में मजबूत सहयोगी हैं।
उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि दोनों देश आईसीटी, मोबाइल तकनीक और डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में एक नयी साझेदारी की घोषणा कर रहे हैं। साथ ही दोनों देशों के शिक्षा मंत्रालय भी एक उच्च स्तरीय संवाद आरम्भ कर रहे हैं।
वहीं फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मरीन ने भारत के कोरोना महामारी के दौरान अन्य देशों को पहुंचाई सहायता को स्वीकारते हुए अपने देश में इस महामारी से निपटने के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फिलनैंड नाक से दी जा सकने वाली वैक्सीन तैयार करने में लगा है और यूरोपीय संघ के साथ मिलकर विकासशील देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराने में सहायता कर रहा है।
प्रधानमंत्री सना मरीन ने इस बात पर जोर दिया कि सभी को मिलकर प्रकृति के साथ तालमेल बिठाना होगा और अपने स्वभाव को बदलना होगा। ऐसा नहीं करने पर भविष्य में विश्व को अब से अधिक बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि देश अंतरराष्ट्रीय संबंधों में महिला अधिकारों को विशेष प्राथमिकता देता है।
तकनीक के क्षेत्र में दोनों देशों को स्वाभाविक सहयोगी बताते हुए उन्होंने 6जी, क्वांटम तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में मिलकर काम करने की बात कही। स्वीडन और डेनमार्क के बाद फिनलैंड तीसरा नॉर्डिक देश है, जिसके साथ भारत ने वर्जुअल माध्यम से शिखर वार्ता की है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत और फिनलैंड के बीच मैत्री संबंध हैं। मंत्रालय के अनुसार यह संबंध लोकतंत्र, स्वतंत्रता और नियम आधारित विश्व व्यवस्था में विश्वास पर आधारित हैं। दोनों देश निवेश, शिक्षा, नवाचार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहित शोधकार्यों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में करीबी सहयोग कर रहे हैं। दोनों देश कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल कर क्वांटम कंप्यूटर के संयुक्त विकास पर काम कर रहे हैं। इसका मकसद अत्याधुनिक तकनीक से विभिन्न सामाजिक चुनौतियों से पार पाना है।
फिनलैंड की 100 से अधिक कंपनियां टेलीकॉम, एलिवेटर, मशीनरी, अक्षय ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत में काम कर रही हैं। वहीं भारतीय कंपनियां फिनलैंड में आईटी, ऑटो कॉम्पोनेंट्स और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में कार्यरत हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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