
नए एक्ट को मिलेगी कैबिनेट से मंजूरी, पंडाल लगाने की भी लेना पड़ेगी अनुमति
इंदौर। संभव है कल पचमढ़ी (Pachmarhi) में होने वाली कैबिनेट बैठक (Cabinet meeting) में फायर एंड इमरजेंसी सर्विस एक्ट (Fire and Emergency Services Act) को लागू करने की मंजूरी मिल जाए। हालांकि इसका बिल विधानसभा (Assembly) में रख मंजूर करवाना पड़ेगा। बीते 6 सालों से यह एक्ट तैयार किया जा रहा है और पिछले दिनों नगरीय प्रशासन और विकास मंत्रालय ने इसे अंतिम रूप देकर कैबिनेट को सौंपा है। अब 9 मीटर से ऊंची बिल्डिंगों में भी फायर एनओसी अनिवार्य रहेगी, तो राजनीतिक-सामाजिक सहित शादियों के पांडाल की भी अनुमति लेना पड़ेगी और आवश्यक आगजनी से निपटने के बंदोबस्त करना होंगे। फायर स्टेशनों की सीमाएं भी अब पुलिस थानों की तरह तय की जाएंगी, ताकि जिस क्षेत्र में आगजनी की घटना होती है उससे जुड़े फायर स्टेशन को जवाबदेय बनाया जा सके। बीते कुछ वर्षों में इंदौर सहित प्रदेशभर में आगजनी की बड़ी घटनाएं हो चुकी है।
सबसे भीषण घटना तो पटाखा फैक्ट्री में हुई, जिसमें अनेकों मौत भी हो गई, तो कुछ अस्पतालों में भी आग लगी और नवजात बच्चों के साथ-साथ अन्य मरीज भी इसकी चपेट में आए। वहीं दूसरी तरफ केन्द्र सरकार ने भी 6 साल पहले सभी राज्यों को फायर सेफ्टी एक्ट की सिफारिशों के साथ ड्राफ्ट भी भेजा। मगर मध्यप्रदेश में ही इसे अमल में नहीं लाया जा सका। कुछ समय पूर्व नगरीय विकास और आवास मंत्रालय ने ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया और उसे अब कैबिनेट में रख मंजूर किया जाएगा। 5 हजार स्क्वेयर फीट और उससे अधिक की शैक्षणिक, व्यवसायिक, औद्योगिक, स्वास्थ्य सहित अन्य गतिविधियों के लिए एनओसी लेना होगी और अब फायर टैक्स भी वसूल किया जा सकेगा। जिस तरह नगर निगम सम्पत्ति कर लेता है उसी तरह अग्रिशमन शुल्क भी वसूल करेगा। यह भी उल्लेखनीय है कि फायर ब्रिगेड की सेवाएं नगरीय निकायों को सौंप दी गई है। वहीं अब 9 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली बिल्डिंगों की एनओसी लेना होगी। पहले यह 15 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाली बिल्डिंगों के लिए जरूरी था। इसके अलावा हर बिल्डिंग में फायर सेफ्टी सिस्टम, ऑटोमैटिक स्प्रिंगल सिस्टम, फायर अलार्म और सेफ्टी सहित उपकरण भी लगाना होंगे और उसके बिना यूटिलिटी सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा, जो सालभर के लिए ही जारी होगा और उसे फिर से निरीक्षण के बाद पुन: मंजूर किया जाएगा। बड़े कारखानों, हाईराइज बिल्डिंगों और अन्य बड़े प्रतिष्ठानों में फायर सेफ्टी ऑफिसरों की नियुक्ति भी करना पड़ेगी। सभी तरह के प्रमुख आयोजनों जिनमें भोजन-भंडारे, कथा, सभा से लेकर अन्य के लिए भी अनुमति लेना होगी अन्यथा 10 हजार का जुर्माना और तीन माह की सजा के प्रावधान भी रहेंगे। कल पचमढ़ी में होने वाली कैबिनेट बैठक में फायर एक्ट को मंजूरी मिल सकती है और उसके बाद विधानसभा के जरिए बिल पास कराया जाएगा।
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