
नई दिल्ली. पिछले बारह दिनों से इजरायल (Israel) और ईरान (Iran) के बीच चल रही जंग आखिरकार अपने अंतिम दौर में पहुंचने के लिए तैयार है. अमेरिकी राष्ट्रपति (us President) डोनाल्ड ट्रंप (donald trump) ने सोमवार को ऐलान किया कि इजरायल और ईरान सीजफायर यानी युद्ध विराम समझौते पर पहुंच गए हैं. ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “इजरायल और ईरान के बीच इस बात पर पूरी तरह से सहमति बन गई है कि पूरी तरह से युद्ध विराम होगा. 12 घंटे के अदंर जंग खत्म हुई मानी जाएगी.”
ट्रंप ने की इजरायल और ईरान की तारीफ
अमेरिकी राष्ट्रपति ने संघर्ष खत्म करने में इजरायल और ईरान की ‘सहनशक्ति, साहस और बुद्धिमत्ता’ की तारीफ की है. उन्होंने कहा, “यह एक ऐसाी जंग है, जो कई साल तक चल सकती थी और पूरे मिडिल ईस्ट को खत्म कर सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और कभी नहीं होगा.”
उन्होंने कहा, “ईश्वर इज़रायल को आशीर्वाद दें, ईश्वर ईरान को आशीर्वाद दें, ईश्वर मिडिल ईस्ट को आशीर्वाद दें, ईश्वर अमेरिका को आशीर्वाद दें और ईश्वर पूरी दुनिया को आशीर्वाद दें.”
‘दोनों देश मेरे पास आए…’
डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर किए एक नए पोस्ट में दावा किया कि इजराइल और ईरान करीब एक साथ मेरे पास आए और कहा, “शांति!” मुझे पता था कि अब वक्त आ गया है. दुनिया और मिडिल ईस्ट ही असली विजेता हैं! दोनों राष्ट्र अपने भविष्य में जबरदस्त प्रेम, शांति और समृद्धि देखेंगे. उन्हें बहुत कुछ हासिल करना है और फिर भी, अगर वे धर्म और सत्य के मार्ग से भटक गए, तो उन्हें बहुत कुछ खोना पड़ेगा. इजरायल और ईरान का मुस्तकबिल असीमित है और महान वादों से भरा हुआ है. ईश्वर आप दोनों को आशीर्वाद दें!
ईरान ने जताई सहमति!
तेहरान ने इज़रायल के साथ दुश्मनी को रोकने के लिए अमेरिका द्वारा कतर की मध्यस्थता वाले युद्धविराम प्रस्ताव पर सहमति जताई है.
यूएस एयरबेस पर ईरानी हमले का क्या?
ट्रंप की तरफ से सीजफायर के ऐलान से पहले ईरान ने कतर स्थिति अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइलें दागी. ट्रंप ने इस प्रतिक्रिया को ‘बहुत कमज़ोर’ और ‘अपेक्षित’ बताया. सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने कहा कि ईरान ने अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा ईरानी परमाणु सुविधाओं को ‘विनाश’ करने के बाद 14 मिसाइलें लॉन्च की थीं. उनमें से 13 को रोक दिया गया और एक को गैर-खतरनाक के रूप में मूल्यांकन किए जाने के बाद आगे बढ़ने की अनुमति दी गई.
खामेनेई का ‘एंटी-अमेरिका’ पोस्ट!
इससे पहले, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने इलाके में अमेरिकी आक्रामकता की निंदा की थी. उन्होंने एक जलते हुए अमेरिकी झंडे की तस्वीर पोस्ट की, जिसके बैकग्राउंड में एक युद्धग्रस्त क्षेत्र, जलती हुई इमारतें और एक अंधेरा, धुंआदार आसमान है. पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया, “हमने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया और हम किसी भी परिस्थिति में किसी से कोई उत्पीड़न स्वीकार नहीं करेंगे. हम किसी के उत्पीड़न के आगे झुकेंगे नहीं, यह ईरानी राष्ट्र का लॉजिक है.”
ईरान की तरफ अमेरिकी एयरबेस को निशाना बनाए जाने पर कतर ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक, जवाब देने का अधिकार सुरक्षित रखता है, क्योंकि ईरानी मिसाइलों ने दोहा के दक्षिण-पश्चिम में अल उदीद एयर बेस को निशाना बनाया था, जो 13 जून को शुरू हुए संघर्ष में एक बड़ी बढ़ोतरी को दिखाता है. इस बेस में करीब 10 हजार सैनिक रहते हैं.
कतर ने अमेरिकी एयरबेस पर हमले की निंदा करते हुए कहा कि उसने मिसाइलों को सफलतापूर्वक रोक दिया और किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. इसने यह भी कहा कि उसका एयरबेस अब सुरक्षित है. संयुक्त अरब अमीरात (UAE), बहरीन और कुवैत ने अपने एयरबेस बंद किए हैं.
ईरान ने ट्रंप के दावे पर क्या कहा?
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर के दावे का खंडन किया है. ट्रंप के ऐलान के कुछ घंटों बाद जारी एक बयान में अराघची ने साफ किया कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है.
अराघची ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “जैसा कि ईरान ने बार-बार साफ किया है, इजरायल ने ईरान पर जंग शुरू किया है. अभी तक, किसी भी युद्ध विराम या सैन्य अभियानों को खत्म करने को लेकर कोई ‘समझौता’ नहीं हुआ है.” अराघची ने कहा कि ईरान का अपनी सैन्य कार्रवाइयों को जारी रखने का कोई इरादा नहीं है, केवल तभी जब इजरायली सेना सुबह 4 बजे (तेहरान समयानुसार) तक ईरानी लोगों के खिलाफ अवैध हमला करना बंद कर दे.
अराघची ने कहा, “उसके बाद प्रतिक्रिया जारी रखने का हमारा कोई इरादा नहीं है. हमारे सैन्य अभियानों को रोकने पर आखिरी फैसला बाद में लिया जाएगा.”
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