
शिमला: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में एक बार फिर मौसम (Weather) का मिजाज बिगड़ने वाला है और भारी बारिश (Heavy Rain) की चेतावनी दी गई है. शुक्रवार को प्रदेश के मंडी और कांगड़ा में सुबह से भारी बारिश का दौर चल रहा है. इससे पहले बीते चौबीस घंटे में मंडी के पंडोल में 139 एमएम बरसात हुई है. शिमला के मौसम विज्ञान विभाग (Meteorological Department) ने शुक्रवार को बाकायदा भारी बारिश को लेकर प्रेस रिलीज जारी की है.
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला (Shimla) ने प्रदेश के अधिकांश भागों में 27 जून से 3 जुलाई 2025 तक भारी बारिश और आंधी-तूफान की चेतावनी जारी की है. विभाग के अनुसार, राज्य के मैदानी, निचले व मध्य पहाड़ी क्षेत्रों तथा आसपास के ऊंचाई वाले इलाकों में व्यापक रूप से वर्षा की संभावना है, जिसमें 29 जून को वर्षा की तीव्रता सबसे अधिक रहने की संभावना जताई गई है.
मौसम विभाग की रिपोर्ट में बताया गया है कि दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर बने चक्रवाती परिसंचरण और उससे जुड़े ट्रफ के प्रभाव के कारण हिमाचल में मानसून तेज गति से सक्रिय हो गया है. इसके साथ ही पूर्वी राजस्थान, उत्तर मध्य प्रदेश, झारखंड और गंगा के मैदानों से होते हुए यह ट्रफ बांग्लादेश तक फैला हुआ है, जिसकी वजह से प्रदेश में व्यापक वर्षा की स्थितियां बन रही हैं.
मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि 27 जून से लगातार कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है. 27 जून को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, सोलन और सिरमौर में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है. 28 जून को इन जिलों के साथ मंडी और शिमला को भी शामिल करते हुए फिर येलो अलर्ट जारी किया गया है.
29 जून को स्थिति और गंभीर हो सकती है, जब ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, सोलन और सिरमौर में बहुत भारी वर्षा की संभावना जताई गई है, जबकि चंबा, कुल्लू, मंडी और शिमला में भी भारी बारिश का अनुमान है. इस दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इसके बाद 30 जून को ऊना, बिलासपुर, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में फिर से येलो अलर्ट रहेगा और 1 जुलाई को मंडी, शिमला और सोलन में भारी वर्षा हो सकती है.
इसके अलावा, कई जिलों में गरज-चमक और बिजली गिरने की भी चेतावनी जारी की गई है. 27 से 29 जून के बीच चंबा, कुल्लू, मंडी, शिमला, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, सोलन और सिरमौर में आंधी और बिजली गिरने की घटनाएं हो सकती हैं.
मौसम विभाग ने संभावित प्रभावों को लेकर चेताया है कि इस दौरान संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन और मलबा गिरने की घटनाएं हो सकती हैं. निचले क्षेत्रों में जलभराव, फिसलन भरी सड़कों के कारण वाहन दुर्घटनाएं, दृश्यता में कमी और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं. इसके अलावा आवश्यक सेवाओं जैसे पानी, बिजली और संचार व्यवस्था में भी बाधा आ सकती है.
लोगों को सलाह दी गई है कि वे मौसम विभाग और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें. जलभराव वाले क्षेत्रों में जाने से बचें, नदियों और नालों के पास न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें. वाहन चालकों को भी फिसलन भरी सड़कों और कम दृश्यता में सावधानी बरतने की अपील की गई है. साथ ही बिजली गिरने की संभावना को देखते हुए खुले स्थानों और जलाशयों से दूर रहने की सलाह दी गई है. मौसम विभाग की ओर से जनता से अपील की गई है कि वे मौसम विभाग की वेबसाइट, ट्विटर और फेसबुक पेज पर मौसम की अद्यतन जानकारी लेते रहें.
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