
पटना। बिहार (Bihar) में बड़ी नदियों के बाद छोटी नदियों (Rivers) का कहर शुरू हो गया है। सोमवार की शाम तक 13 छोटी नदियां खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गयीं। इसके कारण सात जिलों में स्थिति बिगड़ी है। उधर, दस बड़ी नदियां पहले ही खतरे के निशान (Danger signs) से ऊपर बह रही हैं। इससे एक दर्जन से अधिक जिलों में बाढ़ का कहर (Havoc Flood) जारी है। जल संसाधन विभाग ने इन नदियों को लेकर अलर्ट जारी किया है। संबंधिक क्षेत्र के अभियंताओं को सतर्क रहने को कहा गया है।
विभाग के अनुसार इस समय माही, बाया, गंडकी, दाहा, बरही, कारी कोसी, कर्मनाशा, धर्मावती, दुर्गावती, मोहाने, भूतही, चिरैया, घोघा नदियां लाल निशान के पार पहुंच गई हैं। इसके कारण सारण, समस्तीपुर, कटिहार, कैमूर, नालंदा, भागलपुर, बक्सर जिले के बड़े इलाके में बाढ़ का पानी फैलने लगा है। खासकर ग्रामीण क्षेत्र में पानी तेजी से फैल रहा है। इनमें से कई नदियां खतरे के निशान से दो से पांच मीटर तक ऊपर बह रही हैं। यही नहीं इनके जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है।
इसके पहले से गंगा समेत प्रदेश की दस बड़ी नदियां कहर ढा रही हैं। कोसी, बागमती, अधवारा, गंडक, बूढ़ी गंडक, महानंदा, घाघरा, सोन और पुनपुन का जलस्तर पिछले 10 दिनों से लगातार खतरे के निशान से ऊपर है। इसके कारण तटबंधों पर भारी दबाव की स्थिति है। विभाग के अभियंता रात्रिकालीन पेट्रोलिंग कर रहे हैं, जबकि तटबंध सुरक्षाकर्मी 24 घंटे गश्त लगा रहे हैं।
किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति में निकट के पंचायतों से भी मदद का अनुरोध किया गया है। उनसे किसी प्रकार के कटाव या रिसाव की स्थिति में तत्काल सूचना देने को कहा गया है। जल संसाधन विभाग ने सभी 3800 किलोमीटर तटबंधों सुरक्षाकर्मियों की प्रतिनियुक्ति कर उनकी जानकारी सार्वजनिक की है। कोई भी व्यक्ति अपने क्षेत्र के सुरक्षाकर्मी की जानकारी क्यूआर कोड स्कैन करके हासिल कर सकता है।
10 जिलों के 17.62 लाख लोग बाढ़ प्रभावित
बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या 8 से बढ़कर 10 हो गई है। इन दस जिलों के 46 प्रखंडों की 269 ग्राम पंचायतों के 17 लाख 62 लाख लोग बाढ़ प्रभावित हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, वैशाली, भोजपुर, पटना, लखीसराय, भागलपुर, मुंगेर, बेगूसराय, सारण, खगड़िया और सुपौल बाढ़ प्रभावित जिले हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत दिलाने के लिए कार्रवाई की जा रही है।विभिन्न जिलों में कुल 321 सामुदायिक रसोई से रोजाना बाढ़ प्रभावित लगभग 3.71 लाख लोगों को भोजन कराया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त दो राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। इनमें लगभग 1306 बाढ़ शारणार्थियों के लिए आवासन, भोजन, चिकित्सा आदि की व्यवस्था की गई है। बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच अब तक लगभग 54200 पॉलिथीन शीट एवं लगभग 10650 सूखा राशन पैकेट बांटा गया है। बाढ़ प्रभावित जिलों में लोगों के आवागमन में सुविधा के लिए 1186 नावें चलाई जा रही हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव के लिए एसडीआरएफ की 22 और एनडीआरएफ की 10 टीमों को प्रतिनियुक्त किया गया है।
नदी – जिला – खतरे से ऊपर
माही – सारण – 233 सेमी
गंडकी – सारण – 206 सेमी
दाहा – सारण – 49 सेमी
बाया – समस्तीपुर – 129 सेमी
बरही – कटिहार – 01 सेमी
कारी कोसी – कटिहार – 79 सेमी
कर्मनाशा – कैमूर – 117 सेमी
धर्मावती – बक्सर – 92 सेमी
दुर्गावती – रोहतास – 26 सेमी
मोहाने – नालंदा – 21 सेमी
भूतही – नालंदा – 70 सेमी
चिरैया – नालंदा – 05 सेमी
घोघा – भागलपुर – 493 सेमी
गंगा के जलस्तर में 72 घंटे में एक मीटर की कमी
पटना में गंगा के जलस्तर में पिछले 72 घंटे में एक मीटर की कमी आई है। गंगा का जलस्तर सोमवार को मनेर में 52.61 मीटर था और खतरे का निशान 52.00 मीटर है। दीघाघाट में 50.92 मीटर और खतरे का निशान 50.45 मीटर। गांधीघाट में 49.63 मीटर , खतरे का निशान यहां 48.60 मीटर है। हाथीदह में 42.99 मीटर था खतरे का निशान 41.76 मीटर है। पुनपुन नदी श्रीपालपुर में 51.80 मीटर था,खतरे का निशान 50.60 मीटर है।
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