
भोपाल. स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) की ओर से लगातार तंबाकू गुटखा (Tobacco Gutkha) से लेकर शराब (alcohol) के सेवन से बचने हेतु तरह-तरह के विज्ञापन और अभियान चलाए जाते हैं. मगर इसका असर देश का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश (MP) में देखने को नहीं मिल रहा है. मध्य प्रदेश दिन प्रतिदिन नशे का गढ़ बनता जा रहा है. यहां आए दिन प्रदेश के अलग-अलग जिलों से नशीले पदार्थ पकड़ाते नजर आते रहते हैं. हाल ही में राजधानी भोपाल में एक बार फिर नशे की अवैध फैक्ट्री पकड़ाई है.
यहां से करीब 92 करोड़ रुपए कीमत की 61.2 किग्रा एमडी ड्रग्स जब्त की गई है. वहीं दूसरी ओर नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) ने एक चौकानें वाली रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि वर्तमान समय में प्रदेश की 1.6 प्रतिशत महिलाएं शराब का सेवन करती हैं. साल 2015-16 में आयी एनएफएचएस-4 की रिपोर्ट में बताया गया था कि ग्रामीण क्षेत्रों में 1.5 प्रतिशत महिलाएं शराब का सेवन करती थीं.
तंबाकू-गुटखा में टॉप पर एमपी
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि तंबाकू और गुटखा चबाने वालों के मध्य प्रदेश टॉप पर है. तंबाकू-गुटखा और पान मसाला के लिए प्रदेश की जनता सबसे ज्यादा खर्च कर रही है. ग्रमीण क्षेत्रों में तंबाकू और गुटखा पर प्रति व्यक्ति 792 रुपये खर्च हो रहे हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में तंबाकू और गुटखा पर प्रति व्यक्ति 735 रुपये खर्च किये जा रहे हैं.कुल खर्च की बात करें तो प्रदेश में हर साल 6500 करोड़ रुपये 8 करोड़ जनसंख्या के हिसाब से लोग तंबाकू और गुटखा पर खर्च कर रहे हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़े शराबी
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग देशी शराब और ताड़ी पर 523 रुपये प्रति व्यक्ति खर्च कर रहे थे, जबकि शहरी क्षेत्रों में देशी शराब और ताड़ी पर 225 रुपये व्यक्ति खर्च था. वहीं ग्रामीण मध्य प्रदेश में विदेशी शराब और बीयर पर खर्च 378 रुपये प्रति व्यक्ति था, जबकि शहरी क्षेत्रों में विदेशी शराब और बीयर पर खर्च 765 रुपये प्रति व्यक्ति था.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved