
गुवाहाटी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि मेरे लिए असम का विकास (For me Development of Assam) जरूरत भी है और जिम्मेदारी भी (Is both Need and Responsibility) । प्रधानमंत्री मोदी ने लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए यह बात कही ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा “कांग्रेस 6-7 दशकों तक गलतियां करती रही, मोदी एक-एक करके उन गलतियों को सुधार रहा है… मेरे लिए असम का विकास जरूरत भी है, जिम्मेदारी भी है और इसकी जवाबदेही भी है। इसलिए बीते 11 वर्षों में असम, पूर्वोत्तर के लिए लाखों-करोड़ो की परियोजनाएं शुरू हुई हैं… असम भारतीय न्याय संहिता लागू करने में नंबर एक राज्य बना है… कांग्रेस के समय असम में बिना पर्ची, बिना खर्ची के सरकारी नौकरी मिलना असंभव था, लेकिन आज यहां हजारों युवाओं को बिना पर्ची, बिना खर्ची के नौकरी मिल रही है। “असम की धरती से मेरा लगाव, यहां के लोगों का प्यार और स्नेह और खासकर असम और पूर्वोत्तर की मेरी माताओं-बहनों का प्रेम मुझे निरंतर प्रेरित करते हैं, पूर्वोत्तर के विकास के हमारे संकल्प को ताकत देते हैं। आज एक बार फिर असम के विकास में नया अध्याय जुड़ रहा है।
मोदी ने कहा, “आधुनिक एयरपोर्ट जैसी सुविधआएं, कनेक्टिविटी का आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, ये किसी भी राज्य के लिए नई संभावनाओं, नए अवसरों के गेटवे होते हैं। ये राज्य के बढ़ते आत्मविश्वास और लोगों के भरोसे के स्तंभ होते हैं… कांग्रेस की सरकारों के लिए असम और पूर्वोत्तर का विकास उनके एजेंडे में ही नहीं था। उनके लोग कहते थे वहां जाता ही कौन है। कांग्रेस कहती थी असम, पूर्वोत्तर को आधुनिक एयरपोर्ट, हाईवे, रेलवे की जरूरत क्या है? इसी सोच की वजह से कांग्रेस ने दशकों तक इस क्षेत्र की उपेक्षा की। मोदी ने कहा, “इंफ्रास्ट्रक्चर के इस विकास का बहुत बड़ा संदेश भारत की विकास यात्रा की पहचान बन रहा है, इससे उद्योगों को बढ़ावा मिलता है, निवेशकों को कनेक्टिविटी का भरोसा मिलता है। लोकल उत्पादों को दुनिया भर में पहुंचाने का रास्ता खुलता है और सबसे बड़ा भरोसा उस युवा को मिलता है जिसके लिए नए अवसर पैदा होते हैं… इसलिए हम असम को असीम संभावनाओं की उड़ान पर आगे बढ़ते देख रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज भारत को देखने का दुनिया का नज़रिया बदला है और भारत की भूमिका भी बदली है। भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है… इसमें बहुत बड़ी भूमिका आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की है। भारत 2047 की तैयारी कर रहा है, विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए हम इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस कर रहे हैं और सबसे अहम यह है कि विकास के इस महाभियान में देश के हर राज्य की भागीदारी है ।
मोदी ने कहा, “कांग्रेस की सरकारों ने असम और पूर्वोत्तर को विकास से दूर रखने का जो पाप किया था उसका बहुत बड़ा खामियाज़ा देश की एकता, सुरक्षा, अखंडता को उठाना पड़ा। कांग्रेस की सरकारों में हिंसा का दौर दशकों तक फलता-फूलता रहा। हम केवल 10-11 वर्षों में उसे खत्म करने की ओर बढ़ रहे हैं। पूर्वोत्तर में जो जिले हिंसाग्रस्त माने जाते थे, आज वह आकांक्षी जिलों के रूप में विकसित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “…कांग्रेस ने यहां की पहचान को मिटाने की साजिश की थी और यह षड्यंत्र सिर्फ कुछ वर्षों का नहीं है, कांग्रेस के पाप की ये जडें आज़ादी के पहले से जुड़ी हैं। वह समय जब मुस्लिम लीग और अंग्रेजी हुकूमत मिलकर भारत के विभाजन की जमीन तैयार कर रहे थे। उस समय असम को भी अविभाजित बंगाल का यानी पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा बनाने की योजना बनाई गई थी। कांग्रेस उस साजिश का हिस्सा बनने जा रही थी, तब गोपीनाथ बोरदोलोई जी अपनी पार्टी के खिलाफ खड़े हुए थे। उन्होंने असम की पहचान को खत्म करने के इस षड्यंत्र का विरोध किया और असम को देश से अलग होने से बचा लिया। भाजपा हमेशा पार्टी लाइन से ऊपर उठकर हर देशभक्त का सम्मान करती है। अटल जी के नेतृत्व में जब सरकार आई तब उन्हें भारत रत्न दिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “गोपीनाथ बोरदोलोई जी ने आज़ादी के पहले तो असम को बचा लिया था, लेकिन उनके बाद कांग्रेस ने फिर असम विरोधी, देश विरोधी काम शुरू किए। कांग्रेस ने अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए मज़हबी तुष्टीकरण के षड्यंत्र रचे। बंगाल और असम में अपने वोट बैंक वाले घुसपैठियों को खुली छूट दी गई, यहां की डेमोग्राफी को बदला गया। इन घुसपैठियों ने हमारे जंगलों, जमीनों पर कब्जा किया। इसका नतीजा ये हुआ कि पूरे असम की सुरक्षा और पहचान दांव पर लग गई। आज हिमंत बिस्व सरमा की सरकार बहुत मेहनत से असम के संसाधनों को इस गैर कानूनी और देश विरोधी अतिक्रमण से मुक्त करा रही है।
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