
ऑटोइम्यून एवं मस्कुलोस्केलेटल रोगों से पीडि़त मरीजों की एक ही छत के नीचे जांच
इन्दौर। रूमेटोलाजी (Rheumatology) आधुनिक चिकित्सा (modern medicine) का एक ऐसा क्षेत्र है, जिसका संबंध जोड़ों, मांसपेशियों और संयोजी ऊतकों (connective tissues) से जुड़ी बीमारियों की जांचों, निदान और उपचार से है। इस प्रकार की बीमारियों के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए श्री अरबिंदो अस्पताल (Sri Aurobindo Hospital) में हमने रूमेटोलॉजी विभाग की शुरुआत की है। प्रदेश के किसी भी निजी मेडिकल कॉलेज में इस तरह की अनूठी पहल पहली बार की गई है।
उक्त जानकारी फाउंडर चेयरमैन डॉ. विनोद भंडारी ने शनिवार को रूमेटोलॉजी विभाग के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित सीएमई में दी। उन्होंने कहा कि खानपान और रहन-सहन में तेजी से हो रहे बदलावों एवं अन्य कई कारणों से, बड़ी संख्या में अब कम उम्र के लोग भी जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या से जूझ रहे हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री के आंकड़े बताते हैं कि देश में हर साल गठिया के करीब एक करोड़ मामले सामने आते हैं। इन परिस्थितियों से निपटने के लिए रूमेटोलॉजी विभाग की शुरुआत की गई है। यह विभाग ऑटोइम्यून रोगों के प्रति जागरूकता फैलाने और सही समय पर उपचार उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाएगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सर गंगाराम हॉस्पिटल, दिल्ली के अत्यंत वरिष्ठ रूमेटोलॉजिस्ट डॉ. (लेफ्टिनेंट कर्नल) वेद चतुर्वेदी ने बताया कि ऑटोइम्यून एक ऐसी शारीरिक स्थिति है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचाने लगती है। ऐसे में रूमेटोलॉजी विभाग के माध्यम से गठिया, संधिवात, ल्यूपस, गाउट व अन्य ऑटोइम्यून एवं मस्कुलोस्केलेटल के मरीजों के लिए जांचें, निदान एवं उपचार एक ही छत के नीचे उपलब्ध होने से जोड़ों की गंभीर बीमारियों के मरीजों और उनके परिजनों को डायग्नोसिस और समुचित इलाज के लिए जहां-तहां भटकना नहीं पड़ेगा। इस विभाग में उपलब्ध आधुनिकतम जांचों के जरिए हम गठिया समेत जोड़ों, मांसपेशियों और हड्डियों में होने वाली सभी बीमारियों का पता बहुत अर्ली स्टेज में लगा लेंगे। जिससे न केवल मरीज का समुचित और सटीक इलाज हो सकेगा बल्कि बीमारी का देरी से पता लगने के कारण मरीज और उसके परिजनों को होने वाले परेशानियां भी काफी कम हो जाएंगी।
रूमेटोलॉजी से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा
विषय विशेषज्ञ डॉ. प्रकाश जोशी एवं डॉ. उपेंद्र राठौर ने वर्तमान दौर में रूमेटोलॉजी विभाग की आवश्यकता और उससे जुड़े दिलचस्प पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सैम्स के रूमेटोलॉजी विभाग में अत्याधुनिक इमेजिंग (उल्ट्रासाउंड व डेक्सा), ऑटोएंटीबॉडी परीक्षण जैसी सुविधाएँ मौजूद हैं। स्क्रीनिंग कैंप, जागरूकता सेमिनार व वर्कशॉप के जरिए हम शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों की भी जोड़ों की सूजन और दर्द समेत अन्य बीमारियों का समुचित इलाज करेंगे। इस अवसर पर श्री अरबिंदो विवि की कुलपति डॉ. ज्योति बिंदल, डीन (स्टूडेंट्स वेलफेयर) डॉ. जयश्री तापडिय़ा, डीन (मेडिकल कॉलेज) डॉ. आर.आर. वावरे, कुलसचिव डॉ. आनंद मिश्रा. डॉ. आर.के, झा, डॉ. प्रदीप गुप्ता, डॉ. (कर्नल) प्रकाश चितलकर सहित बड़ी संख्या में डॉक्टर, फैकल्टी और स्टूडेंट्स मौजूद थे।
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