नई दिल्ली। इजरायल (Israel) की आबादी पहली बार 1 करोड़ के पार हुई है। 1948 के बाद से यह पहला मौका है, जब इजरायल (Israel) की संख्या 10.1 मिलियन हुई है। देश की स्थापना के बाद से अब तक यहूदी मुल्क (yahoodee mulky) की आबादी में 12 गुना तक इजाफा हो चुका है। इजरायल के जनसांख्यिकी विभाग के अनुसार बीते साल की तुलना में इजरायल की आबादी में 1 लाख 35 हजार यानी 1.4 फीसदी का इजाफा हुआ है।
दिलचस्प बात है कि अब भी यहूदियों की आबादी 80 लाख भी नहीं पहुंची है। इजरायल का संघर्ष पड़ोस के फिलिस्तीन, लेबनान, मिस्र जैसे देशों से लंबे समय से रहा है। 1948 में देश की स्थापना के बाद से ही यह संघर्ष चलता रहा है। ऐसे में यहूदियों और पूरे इजरायल की ही आबादी एक करोड़ से कम होना चर्चा का विषय रहा है।
यहूदी मुल्क के लिए राहत की बात यह है कि वहां युवा आबादी का प्रतिशत अच्छा है। 27 फीसदी इजरायली 18 साल से कम आयु के हैं। इसके अलावा 13 फीसदी वे लोग हैं, जिनकी आयु 65 साल से ज्यादा हो चुकी है। इजरायल की आबादी बहुत अधिक नहीं है, लेकिन उसकी ग्रोथ से यहूदी देश को राहत मिली है। इजरायल छोड़कर दूसरे देशों में रहने वाले लोगों की संख्या में भी गिरावट आई है। अब तक के आंकड़े के अनुसार 56 हजार इजरायली ही दूसरे मुल्कों में हैं। कुछ सालों में दूसरे देशों में बसने वाले इजरायलियों में भी तेजी से कमी आई है यानी वे कमाई के लिए भी दूसरे देशों में जाना पसंद नहीं करते। आंकड़े के अनुसार 1948 में देश की स्थापना हुई थी और तब से अब तक वहां बाहर से आकर 35 लाख लोग बस चुके हैं। इनमें भी 1990 के बाद आधे से ज्यादा आए हैं, जब सोवियत संघ के बिखराव के बाद वहां के यहूदियों को इजरायल आने की अनुमति दी गई।
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