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मुझे ऐक्शन लेने के लिए मजबूर न करें, अपने ही मंत्रियों को CM फडणवीस ने क्यों दी चेतावनी?

July 30, 2025

नई दिल्‍ली । महाराष्ट्र(Maharashtra) के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस(Chief Minister Devendra Fadnavis) ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल(Cabinet) के सहयोगियों को कड़ी चेतावनी(Stern warning) दी है। उन्होंने मंत्रियों से कहा कि वे बार-बार विवादों में न पड़ें, क्योंकि इससे सरकार की छवि खराब हो रही है और विपक्ष को हमला करने का मौका मिल रहा है। फडणवीस ने कैबिनेट बैठक के बाद मंत्रियों के साथ 30 मिनट की विशेष चर्चा की और स्पष्ट निर्देश दिए कि विवादास्पद बयान और कार्यों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

रिपोर्ट के मुताबिक, कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कैबिनेट हॉल से बाहर भेज दिया और मंत्रियों के साथ करीब 30 मिनट तक अलग से बैठक की। इस बैठक में फडणवीस ने मंत्रियों को सलाह दी कि वे मीडिया से बातचीत से परहेज करें और अपने ध्यान को विकास कार्यों पर केंद्रित करें। राज्य के एक मंत्री ने बताया, “मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से कहा कि यदि किसी विवाद में उनका नाम आता है तो तुरंत स्पष्टीकरण दें, लेकिन कोई नया विवाद न खड़ा करें। उन्होंने कहा कि वह किसी को कार्रवाई के लिए मजबूर न करें।”


मुख्यमंत्री की यह फटकार ऐसे समय में आई है जब हाल के दिनों में कई मंत्री विवादों में घिर चुके हैं। इनमें कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे, सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट, स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भूसे और गृह राज्यमंत्री योगेश कदम शामिल हैं। इन मामलों को लेकर विपक्ष ने इन मंत्रियों से इस्तीफे की मांग की है, लेकिन फडणवीस ने साफ कर दिया है कि सरकार इनसे इस्तीफा नहीं लेगी। बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को संदेश दिया कि “कम बोलें और ज्यादा काम करें।” उन्होंने दोहराया कि यदि कोई विवाद होता है तो उसका तुरंत खंडन करें और किसी भी हाल में सरकार की छवि को नुकसान न पहुंचाएं।

मुख्यमंत्री की यह चेतावनी उस समय आई जब कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे राज्य विधान परिषद की कार्यवाही के दौरान मोबाइल पर रम्मी खेलते नजर आए। इस वीडियो को लेकर विपक्ष और किसान संगठनों ने उनके इस्तीफे की मांग की थी। विवाद और बढ़ गया जब कोकाटे ने यह बयान दिया कि “सरकार भिखारी है, किसान नहीं”, जिस पर खुद फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने उन्हें फटकार लगाई।

उधर, मंत्री संजय शिरसाट के बेटे के नाम कथित तौर पर छत्रपति संभाजीनगर के एक होटल की बिक्री में टेंडर प्रक्रिया को लेकर विवाद हुआ है, जिसकी जांच के आदेश खुद मुख्यमंत्री ने दिए हैं। इसी तरह एक वायरल वीडियो में मंत्री शिरसाट को उनके घर में एक कथित नकदी से भरा बैग रखते देखा गया, जो मॉनसून सत्र के दौरान का बताया जा रहा है।

गृह राज्यमंत्री योगेश कदम पर अवैध रेत खनन और अपनी मां के नाम पर डांस बार चलाने के आरोप हैं। वहीं मंत्री संजय राठौड़ पर ट्रांसफर मामलों को लेकर और दादाजी भूसे पर भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर सवाल उठे हैं। मृदा और जल संरक्षण मंत्री संजय राठोड अपने विभाग में भर्ती और नियुक्तियों को लेकर भी विवादों में हैं। इन सभी घटनाओं ने महायुति सरकार को असहज स्थिति में डाल दिया है और पावसाळी अधिवेशन के दौरान स्वस्थ चर्चा के बजाय विवादों ने सुर्खियां बटोरीं।

इस पूरी स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट संकेत दिया है कि सरकार की छवि को बिगाड़ने वाले किसी भी व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने मंत्रियों से सीधे तौर पर कहा कि वे विवादों से दूर रहें, मीडिया में गैर-जरूरी बयानबाजी से बचें और जनहित के कार्यों पर ध्यान केंद्रित करें।

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