
नई दिल्ली। केरल की नर्स निमिषा प्रिया (Nurse Nimisha Priya) की फांसी की सजा पर विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) का बयान सामने आया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने गुरुवार को कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है और भारत सरकार इसमें हर संभव मदद कर रही है। हमने कानूनी मदद मुहैया कराई है और परिवार की सहायता के लिए वकील भी नियुक्त किया गया है। हमने सुनिश्चित किया कि निमिषा प्रिया के परिजनों के लिए नियमित कांसुलर मुलाक़ातें होती रहें। साथ ही साथ दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों और निमिषा प्रिया के परिजनों के साथ नियमित संपर्क बनाए रखा है।
रणधीर जायसवाल ने बताया कि बीते कुछ दिनों में हमने ख़ास कोशिश की कि निमिषा प्रिया के परिवार को दूसरे पक्ष के साथ आपसी समझौते के लिए और समय मिल सके। यमन के स्थानीय अधिकारियों ने 16 जुलाई 2025 को निर्धारित उनकी सज़ा के क्रियान्वयन को फिलहाल स्थगित कर दिया है। हम इस मामले पर क़रीबी नज़र रखे हुए हैं और हर प्रकार की सहायता जारी रखेंगे। हम कुछ मित्र देशों से भी संपर्क में हैं।
जानकारी के अनुसार, मृतक यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी का परिवार निमिषा प्रिया को फांसी दिलाने की मांग पर अड़ा हुआ है। जबकि निमिषा को माफ करने के लिए मनाने की कोशिशें जारी हैं। ऑल इंडिया जमीयतुल उलेमा के महासचिव और सुन्नी नेता कंथापुरम ए.पी. अबूबकर मुसलियार द्वारा अपने घनिष्ठ मित्र और सम्मानित यमनी सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज के माध्यम से किए गए हस्तक्षेप के सकारात्मक परिणाम सामने आए, जिसके बाद यमनी अधिकारियों ने निमिषा प्रिया की 16 जुलाई को होने वाली फांसी को स्थगित कर दिया। मुसलियार ने कहा कि बदला लेने की उनकी तीव्र इच्छा के बावजूद, निमिषा प्रिया को माफ़ करने के लिए तलाल के परिवार के साथ बातचीत चल रही है।
बता दें कि केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोडे की रहने वाली निमिषा प्रिया को जुलाई 2017 में यमन के एक नागरिक की हत्या का दोषी पाया गया था। वर्ष 2020 में, यमन की अदालत ने प्रिया को मौत की सजा सुनाई और देश की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2023 में उनकी अपील खारिज कर दी थी। प्रिया (38) वर्तमान में यमन की राजधानी सना की एक जेल में बंद है, जो ईरान समर्थित हूतियों के नियंत्रण में है।
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