
नई दिल्ली । बांग्लादेश(Bangladesh) में पिछले साल हुए तख्तापलट और शेख हसीना (Sheikh Hasina)के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (protest demonstration)को लेकर उनके वकील ने कहा है कि इस पूरे घटनाक्रम में घरेलू ताकतों के साथ विदेशी ताकतें (foreign powers)भी शामिल थीं। इंटरनेशनल क्राइम ट्राइब्यूनल में रविवार को सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने के पीछे भी विदेशी ताकतों का हाथ है।
बांग्लादेश की तरफ से सरकारी वकील मोहम्मद आमिर हुसैन ने कहा कि शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया था बल्कि सरकार के खिलाफ विरोध की वजह से उन्हें भारत भागने पर मजबूर होना पड़ा था। नेशनल सिटिजन पार्टी के संयोजक नाहिद इस्लाम के बयानों के सत्यापन को लेकर उन्होंने यह बात कही। नाहिद इस मामले में 47वें गवाह के रूप में पेश हुए थे।
हुसैन ने कहा, हम बिना किसी वजह से मोहम्मद यूनुस को बीच में नहीं लाना चाहते थे लेकिन केवल गवाह के बयान की वजह से उनका नाम लेना पड़ा। उन्होंने कहा, हसीना ने आंदोलन को दबाने के लिए किसी घातक हथियार के इस्तेमाल का आदेश नहीं दिया। उन्होंने संपत्ति की रक्षा और लोगों की जान बचाने के लिए सारे प्रयास किए। शेख हसीना कानून व्यवस्था को पटरी पर लाना चाहती थीं। उन्होंने कहा कि जुलाई-अगस्त 2024 में शेख हसीना ने कोई मानवता के खिलाफ अपराध नहीं किया ता। ऐसे में वह दोषी नहीं हैं।
बता दें कि हाल ही में बांग्लादेश के चुनाव आयोग ने शेख हसीना को अगले चुनाव में भाग लेने से भी रोक दिया है। फरवरी में बांग्लादेश में चुनाव होने वाले हैं। ऐसी खबरें हैं कि रेहाना की बेटियां तुलिप रिजवाना सिद्दीक, अजमीना सिद्दीक, भतीजे रदवान मुजीब सिद्दीक बॉबी, उनके रिश्तेदार और हसीना के पूर्व सुरक्षा सलाहकार सेवानिवृत्त मेजर जनरल तारीक अहमद सिद्दीक, उनकी पत्नी शाहीन सिद्दीक और बेटी बुशरा सिद्दीक को भी मतदान से रोक दिया गया है। चुनाव आयोग का कहना है कि विदेश में रहने की वजह से जिनका एनआईडी कार्ड लॉक हो जाता है उन्हें वोट डालने का अधिकार भी नहीं होता है।
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