
नई दिल्ली । एक साल पहले तक सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की हर बड़ी बहस और ऐतिहासिक फैसले में चर्चा में रहने वाले पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) अब एक अलग वजह से सुर्खियों में हैं। वजह है- सरकारी आवास खाली नहीं करने को लेकर। सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने केंद्र सरकार (Central government) से आग्रह किया है कि वह पूर्व मुख्य न्यायाधीश (Former Chief Justices) से उनके सरकारी आवास को जल्द खाली कराए, वहीं दूसरी ओर इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर आलोचना और ट्रोलिंग भी देखने को मिल रही है। इस पूरे मामले में अब चंद्रचूड़ ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने आवास खाली नहीं करने की वजह का खुलासा किया है।
चंद्रचूड़ ने साफ किया है कि वे सरकारी आवास पर अभी तक सिर्फ इसलिए टिके हुए हैं क्योंकि उनकी गोद ली बेटियां प्रियंका और माही एक गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं और उनकी देखभाल के लिए विशेष सुविधा वाला घर बेहद जरूरी है।
चंद्रचूड़ की बेटियों को’नेमालाइन मायोपैथी’ नामक दुर्लभ बीमारी
मीडिया से बातचीत में चंद्रचूड़ ने कहा कि प्रियंका और माही की देखरेख वे और उनकी पत्नी कल्पना दास कर रहे हैं। वे दोनों एक दुर्लभ जेनेटिक बीमारी ‘नेमालाइन मायोपैथी’ से पीड़ित हैं। यह बीमारी मांसपेशियों की ताकत, मोटर स्किल्स, सांस लेने की क्षमता और कई आंतरिक अंगों को प्रभावित करती है। इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है।
घर पर एक तरह का आईसीयू सेटअप
पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “प्रियंका और माही को हर दिन फिजियोथेरेपी, रेस्पिरेटरी थेरेपी, न्यूरोलॉजिकल सपोर्ट और पेन मैनेजमेंट की जरूरत होती है। उनका घर पूरी तरह उनकी हालत के मुताबिक कस्टमाइज़ किया गया है, यहां तक कि बाथरूम भी।” उन्होंने बताया कि प्रियंका दिसंबर 2021 से वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। उनके लिए घर में एक तरह का ICU सेटअप तैयार किया गया है। उन्हें डस्ट, एलर्जी और इंफेक्शन से बचाना जरूरी है, क्योंकि उनकी इम्यूनिटी काफी कमजोर है।
बच्चों के इर्द-गिर्द हमारी दुनिया- चंद्रचूड़
पूर्व चीफ जस्टिस ने बताया कि उनकी पत्नी कल्पना पूरी तरह से बेटियों की देखभाल में समर्पित हैं। उन्होंने कहा, “हम सामाजिक गतिविधियों से दूर रहते हैं, बच्चों के साथ घर पर समय बिताना पसंद करते हैं। दोनों बेटियां शतरंज में मास्टर हैं और म्यूजिक व आर्ट में रुचि रखती हैं। दोनों होम-स्कूलिंग कर रही हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि प्रियंका और माही 11 बिल्लियों की देखभाल करती हैं। माही का जानवरों और पक्षियों से गहरा जुड़ाव है। यही वजह है कि पूरा परिवार अब वीगन जीवनशैली अपना चुका है। चंद्रचूड़ ने बताया कि उन्होंने अस्थायी रूप से किराए पर घर लेने की भी कोशिश की, लेकिन कोई मकान मालिक इतने कम समय के लिए घर देने को तैयार नहीं हुआ। सरकार द्वारा आवंटित घर दो साल से खाली था और अब उसकी मरम्मत चल रही है। जैसे ही वह घर तैयार होगा, वे सरकारी आवास छोड़ देंगे।
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