
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया (Australia) में इस समय एशेज सीरीज (Ashes Series) खेली जा रही है। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड (Australia vs England) का सामना पिछले करीब 100 साल से एशेज सीरीज में होता आ रहा है। काफी समय से इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया (Australia vs England) में टेस्ट सीरीज नहीं जीती है। यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच जीतने में भी इंग्लैंड के पसीने छूट रहे हैं। इस बीच इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर मोंटी पनेसर (Former spinner Monty Panesar) ने बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतना ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने से भी ज्यादा कठिन है। इसका कारण भी मोंटी पनेसर ने बताया बै।
मौजूदा समय में पांच मैचों की एशेज सीरीज में इंग्लैंड 0-2 से पीछे हैं। एडिलेड में तीसरा टेस्ट जारी है। पहली पारी में इंग्लैंड की टीम 86 रनों से पिछड़ गई है। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इंग्लैंड की हालत ऑस्ट्रेलिया में कैसी है। इंग्लैंड की टीम बेन स्टोक्स और ब्रैंडन मैकुलम की अगुवाई में ऑस्ट्रेलिया पहुंची थी और 14 साल का जीत का सूखा समाप्त करने के इरादे से उतरी। हालांकि, टीम बुरी तरह से पिछड़ गई और सीरीज हारने की नौबत तीसरे ही टेस्ट में आ गई है।
उधर, मोंटी पनेसर ने हाल ही में इंडिया टुडे से बात की और इस बात पर चर्चा की कि मौजूदा एशेज सीरीज में स्टोक्स एंड कंपनी के लिए क्या-क्या गलत हुआ है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में इंग्लैंड की फेमस 2010-11 एशेज जीत पर भी बात की, जिसका उन्होंने खुद अनुभव किया था। पनेसर ने कहा है कि इंग्लैंड की टीम को वार्मअप मैच नहीं मिले, जिससे वे पता लगा सकें कि बैजबॉल यहां काम करेगा या नहींं।
ऑस्ट्रेलिया में इंग्लैंड को क्यों परेशानी हुई? इस पर पनेसर ने कहा, “मुझे लगता है कि इंग्लैंड ने जिस तरह से तेज, बाउंसी पिचों पर खेला है, वह गलत रहा है। उन हालात में ऊपर की तरफ खेलना और भी मुश्किल हो जाता है। इंग्लैंड में आप इससे बच सकते हैं, क्योंकि गेंद उतनी बाउंस नहीं होती, लेकिन कम बाउंस से ज्यादा बाउंस में एडजस्ट करना बहुत मुश्किल है। इसके अलावा इंग्लैंड के बल्लेबाज शुरुआत से ही आक्रामक हो जाते हैं, जो परेशानी पैदा करता है।” पनेसर ने ये भी कहा कि कैच छोड़ना भी हार का कारण है।
ऑस्ट्रेलिया में जीतना बेहद कठिन
पनेसर ने आगे ऑस्ट्रेलियाई चुनौतियों को लेकर कहा, “मुझे लगता है कि सबसे बड़ा फर्क यह है कि ऑस्ट्रेलिया में जीतना बहुत मुश्किल है। इंग्लैंड के लिए यह शायद हर 20 साल में एक बार होता है। इयान बॉथम के जमाने में, टीमें कुछ महीने पहले आ जाती थीं, स्टेट टीमों के खिलाफ खेलती थीं और हालात के हिसाब से ढल जाती थीं, क्योंकि इसमें समय लगता है। अब ऐसा नहीं है। ऑस्ट्रेलिया में जीतना ओलंपिक गोल्ड जीतने से भी ज्यादा मुश्किल है, जो हर चार साल में सिर्फ एक बार होता है। यह लगभग तीन या चार ओलंपिक में मुकाबला करने और फिर आखिर में गोल्ड जीतने जैसा है। यहां आपको इसी लेवल की चुनौती का सामना करना पड़ता है। मुझे लगता है कि इंग्लैंड ने शायद इसे थोड़ा कम आंका होगा, लेकिन उम्मीद है कि उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा होगा।”
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved