
नई दिल्ली। भारत (India) के पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर दिलीप दोशी (Dilip Doshi Passes Away) नहीं रहे। उनका सोमवार (23 जून) को 77 साल की उम्र में लंदन में निधन हो गया। उन्हें कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest.) आया। वह सिर्फ चार साल तक इंटरनेशनल क्रिकेट (International cricket) में एक्टिव रहे। उन्होंने 1979 से लेकर 1983 तक भारत के लिए 33 टेस्ट और 15 वनडे मैच खेले। उन्होंने कुल 126 विकेट चटकाए। दोशी ने टेस्ट में 114 और वनडे में 22 शिकार किए। उन्होंने 32 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इंटरनेशनल डेब्यू किया था। दोशी उन नौ भारतीय खिलाड़ियों में से हैं, जिन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट में फाइफर हासिल किया।
इंग्लैंड को जीतने के लिए 350 रनों की जरूरत
ईएसपीएनक्रिकइन्फो की रिपोर्ट के अनुसार, दोशी का निधन दिल से संबंधी समस्याओं के कारण हुआ। वह लंदन में कई दशकों से रह रहे थे। दोशी ने 1980 के दशक मेंअंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से चुपचाप विदाई ले ली थी क्योंकि वे उस समय भारतीय क्रिकेट के संचालन के तरीके से सहमत नहीं थे। गुजरात के राजकोट में जन्मे दोशी ने सौराष्ट्र और बंगाल के अलावा इंग्लैंड में वार्विकशायर और नॉटिंघमशायर के लिए भी प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला। उन्होंने 238 प्रथम श्रेणी मैचों में 898 विकेट हासिल किए। उन्होंने 59 लिस्ट ए मुकाबलों में 75 विकेट अपने नाम किए।
परिवार में दोशी अपने पीछे पत्नी कालिंदी, बेटे नयन और बेटी विशाखा को छोड़ गए हैं। नयन सरे और सौराष्ट्र के लिए खेल चुके हैं। दोशी के निधन की खबर से क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दोशी के निधन पर शोक जताया। वहीं, बीसीसीआई के पूर्व सचिव निरंजन शाह ने कहा, “यह मेरे लिए बेहद दर्दनाक और व्यक्तिगत क्षति है। दिलीप न केवल महान क्रिकेटरों में से एक थे बल्कि उन बेहतरीन इंसानों में से एक थे, जिन्हें मैंने जानता था। उनका नेक दिल, ईमानदारी और खेल के प्रति अमूल्य समर्पण ने उन्हें वाकई खास बनाया।”
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