
चेन्नई । पूर्व मंत्री केए सेंगोट्टैयन (Former minister KA Sengottaiyan) को उनके सभी पदों से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है (Removed from all his Posts with immediate effect) । सेंगोट्टैयन अब न तो संगठन सचिव रहेंगे और न ही ईरोड वेस्ट जिला सचिव का पद संभालेंगे। एआईएडीएमके पार्टी महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी ने बड़ा फैसला लिया है।
यह फैसला शनिवार सुबह डिंडीगुल के एक होटल में एआईएडीएमके महासचिव पलानीस्वामी और सात वरिष्ठ पार्टी नेताओं और पूर्व मंत्रियों के बीच एक घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के बाद लिया गया। पूर्व मंत्रियों में डिंडीगुल श्रीनिवासन, नाथम विश्वनाथन, के.पी. मुनुसामी, एस.पी. वेलुमणि, कामराज, ओ.एस. मनिअन और विजयभास्कर शामिल थे। पार्टी ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के एरोड सबअर्बन वेस्ट जिले में: विधायक केए सेंगोट्टैयन, जो एरोड सबअर्बन वेस्ट जिले के जिला संगठन सचिव और जिला सचिव के पद पर थे, उन्हें आज से इन जिम्मेदारियों से मुक्त किया जाता है।”
यह कार्रवाई उस समय हुई है जब सेंगोट्टैयन ने हाल ही में पलानीस्वामी को अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि पार्टी से निकाले गए या छोड़कर गए वरिष्ठ नेताओं को फिर से शामिल किया जाए। उन्होंने पलानीस्वामी को 10 दिनों की समय सीमा दी थी और चेतावनी दी थी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो पार्टी में असंतोष बढ़ सकता है।
पद से हटाए जाने के बाद सेंगोट्टैयन ने हाईकमान के फैसले पर कहा कि मैंने अपनी राय केवल अन्नाद्रमुक की सत्ता वापसी को ध्यान में रखते हुए रखी थी। मेरे प्रयासों के बावजूद मुझे पदों से हटा दिया गया, जिसे मैं स्वीकार करता हूं। इस फैसले से मैं निराश नहीं हूं, बल्कि प्रसन्न हूं। इस घटनाक्रम ने अन्नाद्रमुक के भीतर गुटबाजी की अटकलों को और हवा दे दी है। माना जा रहा है कि पार्टी से निकाले गए या छोड़कर गए नेताओं की वापसी को लेकर पार्टी में खींचतान बढ़ सकती है।
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