
नई दिल्ली. केंद्र सरकार (Central government) ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर (Former governor) डॉ. उर्जित पटेल (Dr. Urjit Patel) को 3 साल के लिए इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड में कार्यकारी निदेशक के तौर पर नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है. पटेल ने 2016 में रघुराम राजन के बाद RBI के 24वें गवर्नर के तौर पर पदभार संभाला था. इन्हीं के कार्यकाल में सरकार ने नोटबंदी जैसा बड़ा फैसला लिया था.
साल 2018 में इन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे दिया था, जिस कारण वे पहले गवर्नर बने थे, जिन्होंने व्यक्तिगत कारणों से आरबीआई गवर्नर का पद छोड़ा और 1992 के बाद सबसे कम कार्यकाल तक आरबीआई गवर्नर बने रहे. उर्जित पटेल की रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार ने नोटबंदी करने का फैसला लिया था.
महंगाई को लेकर लिया था बड़ा फैसला
उर्जित पटेल के कार्यकाल में नोटबंदी के अलावा, एक और बड़ा फैसला लिया गया था. इन्होंने आरबीआई के महंगाई दर की लिमिट तय की थी. जिसके तहत महंगाई 4 फीसदी की सीमा के नीचे होनी चाहिए या रखने की कोशिश करनी चाहिए. उर्जित पटेल ने इसपर विस्तार से एक रिपोर्ट पेश किया था, जिसके बाद महंगाई दर लक्ष्य के तौर पर 4% CPI को अपनाया गया था.
डिप्टी गवर्नर के तौर पर संभाला था कार्य
आरबीआई गवर्नर से पहले उर्जित पटेल, केंद्रीय बैंक में डिप्टी गवर्नर के तौर पर काम किया था और मौद्रिक नीति, आर्थिक नीति अनुसंधान, सांख्यिकी और सूचना प्रबंधन, जमा बीमा, संचार और सूचना का अधिकार जैसे मुद्दों को संभाला था.
इन पदों को भी संभाल चुके हैं पूर्व आरबीआई गवर्नर
पटेल इससे पहले पांच साल तक आईएमएफ में भी काम कर चुके हैं. पहले वाशिंगटन डीसी में और फिर 1992 में नई दिल्ली में आईएमएफ के उप-स्थानिक प्रतिनिधि के रूप में भारत आए. उर्जित पटेल 1998 से 2001 तक वित्त मंत्रालय के सलाहकार रहे. उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईडीएफसी लिमिटेड, एमसीएक्स लिमिटेड और गुजरात राज्य पेट्रोलियम निगम जैसी पब्लिक और प्राइवेट कंपनियों में भी बड़े पद संभाल चुके हैं.
बता दें पटेल ने येल विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एम.फिल. और लंदन विश्वविद्यालय से बी.एससी. की डिग्री हासिल की है.
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