
भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कई महीनों से ‘लाड़ली बहना योजना’ (Ladli Bahna Yojana) को लेकर लगातार राजनीति हो रही है. अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने चार लाख लाड़ली बहनों के नाम कम होने पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि नए नाम भी इस योजना में नहीं जोड़े जा रहे हैं. इसके अलावा बजट भी नहीं बढ़ाया जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी को विधानसभा चुनाव 2023 में सत्ता में लाने में लाड़ली बहनों का भी बड़ा योगदान माना जाता है.
मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं के लिए लाड़ली बहना योजना शुरू की है, जिसमें 21 से 60 वर्ष की महिलाओं को पात्रता होने पर प्रतिमाह 1,250 रुपये दिए जाते हैं. देवास जिले के पीपलरवा में सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंगल क्लिक के माध्यम से लाड़ली बहनों के खाते में 1,553 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि ट्रांसफर की. उन्होंने कहा कि 1,250 रुपये की राशि को बढ़ाकर 3000 रुपये तक ले जाया जाएगा.
वर्तमान में मध्य प्रदेश में एक करोड़ 27 लाख महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल रहा है. वहीं अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने चार महीने में चार लाख बहनों के नाम कम होने पर चिंता जताई है. उन्होंने यह भी कहा है कि नए नाम नहीं जोड़े जा रहे हैं. इसके अलावा बीजेपी अपने वादे के मुताबिक बजट भी नहीं बढ़ा रही है, सिर्फ मंच से घोषणा की जा रही है.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत पिछले चार महीने में 4 लाख महिलाओं के नाम योजना से हटाए जाने का आरोप लगाया है. पटवारी ने कहा कि 4 अक्टूबर 2023 को एक करोड़ 31 लाख बहनों को योजना का लाभ मिला था. अब 10 फरवरी को एक करोड़ 27 लाख बहनों के खाते में ही राशि ट्रांसफर की गई है. इस तरह साफ है कि चार महीनों में चार लाख महिलाओं के नाम योजना से काट दिए गए हैं. उन्होंने महिलाओं के नाम नहीं जोड़े जाने का मुद्दा भी उठाया.
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