
नई दिल्ली । रुस और यूक्रेन(Russia and Ukraine) के बीच बीते तीन सालों से ज्यादा समय से जारी जंग(The Ongoing War) में बीते रविवार कुछ ऐसा हुआ जिसकी रूसी राष्ट्रपति(russian president) व्लादिमीर पुतिन(Vladimir Putin) ने कल्पना भी नहीं की होगी। यूक्रेन ने ड्रोन हमले के जरिए रूस के एयरबेस पर बड़ा अटैक कर दिया, जिससे रूस के कम से कम 40 सैन्य विमान तबाह हो गए। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बताया कि हमले की प्लानिंग करीब 18 महीने से चल रही थी। यूक्रेन ने इस कार्रवाई को ऑपरेशन स्पाइडर वेब का नाम दिया और जंग के बीच इसे रूस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
हमले की प्लानिंग को लेकर जेलेंस्की ने खुद डिटेल जानकारी दी। जेलेंस्की ने बताया कि 117 ड्रोन की मदद से सिर्फ सैन्य सुविधाओं को निशाना बनाया गया। इसके बाद हमले के लिए इस्तेमाल किए गए फर्स्ट-पर्सन व्यू (FPV) ड्रोन चर्चा में आ गए हैं। जानकारी के मुताबिक FPV ड्रोन को पहले एक बड़े ट्रक के जरिए रूस भिजवाया गया। फिर इसी ट्रक के कंटेनर से ड्रोन बाहर आए और एयरबेस पर खड़े विमानों को निशाना बनाया।
FPV ड्रोन आधुनिक जंग में बड़ा अहम रोल निभा रहे हैं। यहां नाम के अनुरूप फर्स्ट-पर्सन व्यू का मतलब है कि ड्रोन चलाने वाला व्यक्ति ड्रोन के ऊपरी हिस्से पर लगे कैमरे के जरिए देख सकता है कि ड्रोन का निशाना कहां है। इस लाइव फुटेज को किसी भी स्मार्टफोन या दूसरे गैजेट के जरिए आसानी से देखा जा सकता है और यही FPV ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत है।
साधारण ड्रोन में सबसे बड़ी चुनौती इसे माना जाता है कि ड्रोन ऑपरेटर अपने ड्रोन की गतिविधि को नहीं देख पाता है। ड्रोन अनियंत्रित होकर अपने लक्ष्य से भटक सकते हैं। ऐसे में FPV ड्रोन बेहद काम आ सकते हैं। इसे ना सिर्फ दूर से नियंत्रित किया जा सकता है, बल्कि रियल टाइम टारगेट पर नजर रखी जा सकती है, जिससे निशाना चूकने के चांस बेहद कम हो जाते हैं।
FPV ड्रोन की कीमत कर देगी हैरान
FPV ड्रोन रूस के एयरबेस के पास लकड़ी के घरों में रखे गए थे। हालांकि रूस को इसकी भनक तक नहीं लगी। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस ड्रोन की रेंज बेहद कम होती है, लेकिन निशाना उतना ही सटीक होता है। इसे ट्रैक करना भी बेहद मुश्किल होता है। इन सब से अधिक FPV ड्रोन की डिमांड इसीलिए बढ़ी है, क्योंकि यह बेहद किफायती होते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक विस्फोटक से लैस ऐसे एक ड्रोन की कीमत $500 यानी लगभग 42,000 रूपये होती है, जो पारंपरिक आर्टिलरी सिस्टम तुलना में बेहद कम हैं।
यूक्रेन कैसे कर रहा है FPV ड्रोन का इस्तेमाल
यूक्रेन ने रूस के खिलाफ संघर्ष में FPV ड्रोन को शक्तिशाली हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। यूक्रेनी सैनिक इसकी मदद से रूस के टैंक और सैन्य वाहनों पर जबरदस्त तरीके से हमले करते हैं। NATO के एक अधिकारी ने फॉरेन पॉलिसी को बताया कि अब तक जितने रूसी टैंकों को तबाह किया गया है, उनमें से दो-तिहाई से ज्यादा FPV ड्रोन की मदद से मारे गए हैं। अब यूक्रेन ने ऑपरेशन स्पाइडर वेब की मदद से रूसी टारगेट्स को को घर में घुसकर निशाना बनाया है।
कौन बनाता है FPV ड्रोन?
यूक्रेन इस मामले में आत्मनिर्भर है और वह खुद FPV ड्रोन बना रहा है। इसके लिए रूस को बड़े पैमाने पर निजी कंपनियों से फंडिंग मिल रही है। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने 2025 में 4.5 मिलियन FPV ड्रोन खरीदने की योजना की घोषणा की है, जिसका बजट 2.6 बिलियन डॉलर से ज्यादा है।वहीं कुछ बड़ी कंपनियों की बात करें तो TAF ड्रोन जैसी कंपनियां हर महीने हजारों ड्रोन बना रही हैं।
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