पेरिस । फ्रांस ने माली (France – Mali) के साथ आतंकवाद-रोधी सहयोग (Counter-terrorism cooperation) को स्थगित कर दिया है। माली के दूतावास और वाणिज्य दूतावास (Consulate) के दो कर्मचारियों को देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, यह कदम अगस्त में बमाको में एक फ्रांसीसी खुफिया एजेंट की गिरफ्तारी के बाद उठाया गया है। हालांकि, माली के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, अगस्त में माली में कार्यरत एक विदेशी अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति आतंकवाद के मुद्दों पर काम करने वाला एक पूर्व फ्रांसीसी सैन्य अधिकारी था। यह भी कहा गया कि वह एक खुफिया एजेंट था। फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय ने अगस्त में कहा था कि वह बमाको स्थित दूतावास का सदस्य था और माली द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद थे। इस व्यक्ति को अगस्त में दो माली जनरलों के साथ गिरफ्तार किया गया था और उस पर माली को अस्थिर करने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया गया था।
बताया जा रहा है कि माली की सैन्य-नेतृत्व वाली सरकार द्वारा फ्रांस के साथ सैन्य संबंध तोड़ने और इस्लामी आतंकवादियों से मुकाबला करने के लिए रूस से सहायता लेने के बाद इस कदम ने पेरिस और इस पश्चिम अफ्रीकी देश के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। गौरतलब है कि उत्तर में इस्लामी विद्रोह और राजनीतिक अस्थिरता ने माली में एक दशक से अधिक समय तक अशांति फैलाई है, जिसके परिणामस्वरूप 2020 और 2021 में कई तख्तापलट हुए और सैन्य नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आई।
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