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स्वच्छता सर्वेक्षण रिपोर्ट में नहीं चलेगा फर्जीवाड़ा, केन्द्र की टीम करेगी जांच-पड़ताल

January 25, 2025

  • पहली बार माइनस मार्किंग का भी किया प्रावधान,
  • तीन हजार अंक भी पिछले सर्वेक्षण की तुलना में बढ़ा दिए,
  • नई टूल किट में प्रमुख 10 मापदण्ड रहेंगे

इंदौर। स्वच्छता सर्वेक्षण (cleanliness survey) की टूल किट यानी गाइडलाइन (Guidelines) केन्द्र सरकार (Central Government) ने जारी कर दी है और संभवत: 15 फरवरी से सर्वे के लिए दिल्ली से टीम भी इंदौर आ जाएगी। पहली बार माइनस मार्किंग का प्रावधान भी किया गया है और तीन हजार अंक भी बढ़ा दिए हैं। हालांकि इंदौर को गोल्डन क्लब श्रेणी में शामिल किया गया है, जिसका मुकाबला नवी मुंबई और सूरत सहित अन्य प्रमुख शहरों से होना है। वहीं इस सर्वे के लिए जो दस्तावेजों को सौंपा गया है उनमें किसी तरह का फर्जीवाड़ा (Fraud) नहीं चलेगा, बल्कि सर्वे दल दी गई जानकारी के आधार पर मौका-मुआयना करेगा और अगर कोई जानकारी झूठी पाई गई तो 30 अंक कट जाएंगे। इस साल के सर्वेक्षण में 4909 शहरों द्वारा हिस्सा लिया जा रहा है और पिछले वर्ष की तुलना में कई नए शहर भी इसमें शामिल हो गए हैं।


इंदौर निगम ने 8वीं बार नम्बर वन आने के लिए तैयारियां शुरू की है और कल से रात्रिकालीन सफाई भी शुरू करवाई। मशीनों और सफाई मित्रों की सहायता से रात में भी शहर के प्रमुख सडक़ों, चौराहों, बाजारों की सफाई होगी। महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी इस दौरान मौजूद रहे। निगमायुक्त शिवम वर्मा सहित अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा पूरी ताकत से जुटे हैं। इस बार के स्वच्छता सर्वेक्षण में कई नए प्रावधान भी जोड़े गए हैं और छोटे-मध्यम शहरों को भी शामिल किया गया है। गत सर्वे में 4447 शहर शामिल थे, तो इस बार इनकी संख्या बढक़र 4909 हो गई है और इस बार का सर्वेक्षण कुल 12500 अंकों का रहेगा, जबकि पिछली बार ये अंक 9500 ही थे। यहां तक कि माइनस मार्किंग का प्रावधान भी रखा है। सर्वे के दौरान अगर किसी तरह की झूठी जानकारी मिली तो 30 अंक कट जाएंगे। 20 हजार से अधिक आबादी वाले 2162 शहर, तो 30 से 50 हजार से अधिक आबादी वाले शहरों की संख्या इस बार 1686 रहेगी, तो 50 हजार से 3 लाख की आबादी वाले सर्वे में शामिल 903 शहर हैं, वहीं 3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की संख्या 111 और इससे अधिक की आबादी वाले इंदौर जैसे शहरों की संख्या 47 है। इस बार मंथली इन्फॉर्मेशन सिस्टम का इस्तेमाल भी पहली बार सर्वेक्षण में किया जा रहा है। यानी शहरों ने मंत्रालय के पास अपनी जो हर माह की साफ-सफाई से संबंधित रिपोर्ट भेजी है और उससे जुड़े दस्तावेज लगाए हैं उसकी मौके पर जाकर सर्वे टीम द्वारा जांच-पड़ताल की जाएगी। इसी तरह इस बार का स्वच्छता सर्वेक्षण जो 12500 अंकों का रहेगा, उसमें ओडीएफ प्लस-प्लस और जल के 1200 अंक, कचरामुक्त शहर के 1300 अंक, वहीं फेज-1 में 500, फेज-2 में 500 और फेज-3 और 4 में 9 हजार अंक रखे गए हैं। इस बार स्वच्धता सर्वेक्षण की टूल किट में 10 प्रमुख मापदण्ड बनाए गए हैं। दृश्यमान स्वच्छता, कचरे का अलग-अलग संग्रहण और परिवहन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छता तक पहुंच, उपयोग किए गए जल के प्रबंधन, डीलिजलिंग सेवाओं का मशीनीकरण, स्वच्छता के लिए वकालात और परिस्थिति की तंत्र और संस्थागत मापदण्डों की मजबूती, सफाई मित्रों का समग्र कल्याण, नागरिकों से मिलने वाली प्रतिक्रिया और उनकी शिकायतों के निराकरण की व्यवस्था सहित अन्य प्रावधानों को जोड़ा गया है। वहीं दूसरी तरफ खजराना गणेश मंदिर परिसर की साफ-सफाई व अन्य व्यवस्थाओं को देखने और समझने के लिए ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट की टीम से अशोक महाजन सहायक कार्यपालन अधिकारी एवं व्यवस्था से जुड़े दीपक मालेकर जी द्वारा ज़ीरोस्ट एरिया, अन्नक्षेत्र, लड््डू प्रसादी काउंटर व स्थल, प्रवचन हाल, भक्त सदन, अभीषेक पुजन रसीद काउंटर, दान काउंटर, मंदिर परिसर आदि स्थलों का भ्रमण कर जानकारी प्राप्त कर की गई। खजराना मंदिर की ओर से प्रबंधक घनश्याम शुक्ला और गौरीशंकर मिश्रा द्वारा जानकारी दी गई।

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