
होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं है, बल्कि यह प्रेम, सकारात्मकता और अच्छाई की बुराई पर जीत का उत्सव भी है। इस त्योहार के चमकते रंग, मस्तीभरे पल और सभी परंपराएँ इसे खुशी और एकता का प्रतीक बनाते हैं। सन नियो की दो बेहतरीन अभिनेत्रियां, सिद्धि शर्मा (इश्क जबरिया में गुल्की) और ईशा पाठक (रिश्तों से बंधी गौरी में गौरी) ने अपनी सबसे प्यारी होली की यादें साझा करते हुए कई रोचक बातें बताई।
इश्क़ जबरिया शो में गुल्की का किरदार निभा रही अभिनेत्री सिद्धि शर्मा बताती हैं,”होली मेरे लिए हमेशा खास रही है, क्योंकि यह सिर्फ रंगों का नहीं, बल्कि आस्था और सकारात्मकता का भी त्योहार है। होलिका दहन हमें यह सिखाता है कि चाहे नकारात्मकता कितनी भी शक्तिशाली क्यों न लगे, सच्चाई और अच्छाई की हमेशा जीत होती है। हम होलिका दहन में नारियल अर्पित करते थे और इसे पूरी तरह जलने का इंतजार करते थे। बाद में उस नारियल को खाने का अलग ही आनंद होता था! दोस्तों के साथ रंग खेलना सबसे मजेदार पल होता था। मैं हमेशा अपनी बहन से पहले उठने की कोशिश करती थी और जल्दी नाश्ता कर के भागकर खेलने चली जाती थी। हमारे बीच यह एक मजेदार मुकाबला होता था कि कौन पहले उठकर होली खेलना शुरू करेगा।”
रिश्तों से बंधी गौरी में गौरी शो की अभिनेत्री ईशा पाठक ने अपनी यादें साझा करते हुए कहा,
“बचपन से ही होली मेरा सबसे पसंदीदा त्योहार रहा है! मैं इतनी उत्साहित रहती थी कि हम त्योहार से 3-4 दिन पहले ही रंग और पानी के गुब्बारों से खेलना शुरू कर देते थे। दोस्तों के साथ भाग-दौड़ करना, एक-दूसरे को गुलाल लगाना और पानी के गुब्बारे फेंकना। ये सभी पल एक अनमोल खुशी देते थे! पूरे माहौल में एक अलग ही ऊर्जा और उमंग होती थी। आज भी होली की ये खूबसूरत यादें ताजा हो जाती हैं और मैं इसे उसी उत्साह और प्यार के साथ मनाती हूँ!”
इश्क़ जबरिया की कहानी गुल्की (सिद्धि शर्मा द्वारा अभिनीत किरदार) के अपने सपनों को पूरा करने के संघर्ष की है। ‘रिश्तों से बंधी गौरी गौरी (ईशा पाठक द्वारा अभिनीत किरदार) के विश्वास, सहनशीलता और अटूट प्रेम की यात्रा को दर्शाती है, जिसमें वह माता पार्वती की भक्ति से शक्ति पाती है और जीवन की कठिनाइयों का सामना करती है।
‘रिश्तों से बंधी गौरी देखिए हर रोज़ रात 8:30 बजे और इश्क़ जबरिया रात 10 बजे, सिर्फ सन नियो पर।
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