
बेंगलुरु । कर्नाटक (Karnataka) में सीएम (CM) की कुर्सी के लिए खींचतान बढ़ती जा रही है। अभी तक खबरें थीं कि डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) सिद्धारमैया (Siddaramaiah) को हटाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। वहीं, अब सीएम की रेस में एक और चेहरे ने एंट्री मार दी है। कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर (Home Minister G. Parameshwara) ने रविवार को संकेत दिया कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होने की स्थिति में और दलित मुख्यमंत्री की मांग के बीच वह भी मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं।
राहुल गांधी के साथ होगी चर्चा
हालांकि, मुख्यमंत्री परिवर्तन के मुद्दे पर पार्टी के भीतर असमंजस की स्थिति होने संबंधी खबरों को उन्होंने तवज्जो नहीं दी। परमेश्वर ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान की ओर से अभी तक किसी ने भी इस मामले पर बात नहीं की है। न ही कांग्रेस विधायक दल में इस पर चर्चा हुई है। परमेश्वर ने कहा कि यदि जरूरत हुई तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पार्टी के शीर्ष नेता राहुल गांधी, जो इस समय विदेश में हैं, के साथ चर्चा के बाद राज्य में नेतृत्व परिवर्तन पर निर्णय लेंगे।
2013 में हारा न होता तो…
खबरों के अनुसार, यह मामला 2023 में हुए सत्ता-साझेदारी समझौते पर आधारित है। इसके तहत सिद्धरमैया को ढाई साल (20 नवंबर तक) मुख्यमंत्री रहना था और इसके बाद यह जिम्मेदारी उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को मिलनी थी। परमेश्वर ने मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने के सवाल पर कहा कि मैं हमेशा दौड़ में हूं, यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। मैं 2013 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष था, हम (2013 के विधानसभा चुनावों में) कांग्रेस को सत्ता में लाए। मैंने कभी इसका श्रेय अकेले नहीं लिया। मैं उस चुनाव में हार गया था। अगर मैं जीत जाता, तो शायद (समीकरण) कुछ और होता।
जब परमेश्वर से पूछा गया कि क्या नेतृत्व परिवर्तन की स्थिति में ‘दलित मुख्यमंत्री’ की मांग है? इस पर उन्होंने एससी/एसटी समुदाय के मंत्रियों की उनके, एच सी महादेवप्पा, सतीश जरकीहोली और अन्य के साथ हुई कई बैठकों का हवाला देते दिया। उन्होंने कहा कि लंबे समय से एक दलित को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की जा रही है।
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