
नई दिल्ली। गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) के जरिए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Group Captain Shubhanshu Shukla) इतिहास रचने जा रहे हैं। लगातार टल रहे एक्सिओम-4 मिशन (Axiom-4 Mission) के लिए लॉन्चिंग बुधवार को सफल होने की उम्मीद है। शुक्ला इस मिशन के तहत 14 दिनों के लिए ISS यानी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) जाएंगे। खास बात है कि साल 2023 में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 की लैंडिंग के बाद भारत के खाते में दूसरी ऐतिहासिक उपलब्धि आएगी।
शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की 14 दिनों की यात्रा अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पूरी करेंगे। खबर है कि इस दौरान वह देश भर के वैज्ञानिकों की तैयार की गईं 7 भारतीय वैज्ञानिक अध्ययनों को आगे बढा़ने का काम करेंगे। साथ ही कहा जा रहा है कि वह अंतरिक्ष से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों से भी बात कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, स्पेस एक्स ने बताया है कि लॉन्चिंग के लिए मौसम 90 फीसदी अनुकूल है। एक्स पर लिखा, ‘एक्सिओम स्पेस के Ax-4 मिशन को बुधवार को स्पेस स्टेशन के लिए लॉन्च करने के लिए सब कुछ ठीक नजर आ रहा है और मौसम 90 फीसदी अनुकूल है।’
ऐसा है कार्यक्रम
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगलवार को बताया है कि लॉन्चिंग 25 जून यानी बुधवार को होगी। एजेंसी ने कहा, ‘नासा, एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए चौथे निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन ‘एक्सिओम मिशन 4’ की लॉन्चिंग के लिए बुधवार 25 जून को तड़के का लक्ष्य निर्धारित किया है।’
यह मिशन फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र के ‘लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए’ से प्रक्षेपित किया जाएगा। नासा ने कहा कि ‘डॉकिंग’ समय गुरुवार 26 जून को लगभग सुबह सात बजे (भारतीय समयानुसार शाम साढ़े चार बजे) होगा।
एक्सिऑम-4 वाणिज्यिक मिशन का नेतृत्व कमांडर पैगी व्हिटसन कर रही हैं, जिसमें शुक्ला मिशन पायलट हैं और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कपू और पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की मिशन विशेषज्ञ हैं।
टलता गया कार्यक्रम
इस मिशन के तहत लॉन्चिंग सबसे पहले 29 मई को होनी था, लेकिन फाल्कन-9 रॉकेट के बूस्टर में तरल ऑक्सीजन के रिसाव और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के पुराने रूसी मॉड्यूल में भी रिसाव होने का पता चलने के बाद पहले इसे आठ जून, फिर 10 जून और फिर 11 जून के लिए टाल दिया गया। इसके बाद योजना फिर 19 जून के लिए टाल दी गई और फिर नासा द्वारा रूसी मॉड्यूल में मरम्मत कार्यों के बाद कक्षीय प्रयोगशाला के संचालन का आकलन करने के लिए प्रक्षेपण की तिथि 22 जून तय की गई।
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