गुना। गणेश चतुर्थी पर घर-घर में पधारे पार्वती नंदन भगवान गजानंद सात दिन तक अपनी पूजा अर्चना कराने के बाद 29 अगस्त को फूल डोल ग्यारस पर विदा लेंगे। इस दौरान सिंगवासा में भगवान गणेश जी की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा और इस दौरान गणपति बप्पा मोर्या, अगले बरस तू जल्दी आ के जयकारे वातावरण में गुंजयमान होते रहेंगे।
हालांकि अन्य त्यौहारों की तरह इस पर्व पर भी कोरोना वायरस संक्रमण की काली छाया देखने को मिल रही है। यहीं कारण है कि इतिहास में पहली बार फूल डोल ग्यारस पर बप्पा धूम-धड़ाके के साथ विदाई नहीं दी जा सकेगा। इस दौरान न तो पारंपरिक विमान निकल पाएंगे और न अखाड़े देखने को मिलेंगे। इसके मद्देनजर बप्पा के भक्तों में निराशा का माहौल है।
हुई आराधना, नहीं लगीं मनमोहक झांकियां
गणेश चतुर्थी पर भगवान श्री गणेश जी को घर-दुकानों में प्रतिष्ठित करने के बाद उनकी आराधना में श्रद्धालु डूबे रहे। हालांकि इस दौरान हर साल जिले भर में लगाई जाने वालीं भगवान श्री गणेश जी की मनमोहक झांकियां नहीं लगीँ। जिससे गणेशोत्सव के बावजूद रात के समय रौनक देखने को नहीं मिली। गौरतलब है कि हर साल जिले में हजारों और शहर में सैकड़ों स्थानों पर झांकियां लगाई जातीं थीं। जिनमें भगवान गणपति जी को विभिन्न रुपों में विराजित किया जाता था। कहीं भगवान गणेश जी अपने मूषक की सवार करते दिखाई देते थे तो कहीं रिद्धि-सिद्धि के साथ विराजे होते थे। श्रद्धालु अपने आराध्य विघ्न विनाशक के दर्शन कर धन्य हो जाते थे।